देव कमरुनाग के गूर की गद्दी पर ठाकुर हेत राम काबीज हो गए। देव के माध्यम से हेत राम ठाकुर की भविष्यवाणी सच निकलती है और नवनियुक्त गूर को देवता का सूरजपखा सौंप दिया गया है। मंडी रियासत के आराध्य देव कमरुनाग के दरबार में जब किसान व बागवानों को उनके हित में मौसम से संबंधित फरियाद को अनसुना माना जाता रहा है। तब तक देव कमरुनाग के गूर की गद्दी पर बड़ा फेरबदल देखा गया है।
प्रथ जैसा आराध्य देव कमरुनाग के दरबार में जब किसानों व बागवानों की फरियाद को गूर देवता तक पहुंचाने में असमर्थ रहता है। तो किसान उसी टोली के अन्य व्यक्ति को उनकी फरियाद पर खरा उतरने के लिए बाध्य करते हैं। इससे पूर्व देवता के कई वर्षों तक गूर देवी राम को भी देव आज्ञा पर पकड़ी छोड़ने पर बाध्य होना पड़ा था। लेकिन अबकी बार इस कड़ी में हेतराम ठाकुर गूर की गद्दी तक प्रभावी सिद्ध हुए हैं।
हेत राम ठाकुर पहले भी देव कमरुनाग के दो बार गूर रह चुके हैं और देवता के पुराने गूर बलिभद्र सिंह (बुलू) के बेटे हैं। जो भी देवता को मंजूर होता है सभी धारणा के लिए बाध्य हैं।
देव कमरुनाग मंडी जनपद के जितेता देव हैं। देव कमरुनाग से मन्नत मांगने जो भी उनके दरबार में जाता है तो वे किसी को निराश नहीं करते हैं। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु कमरुनाग की पवित्र झील में आभूषण और नगदी चढ़ाते हैं। हालांकि देव इसके आदेश नहीं देते हैं, फिर भी लोग आस्था के कारण धन दौलत देवता को चढ़ाते आते हैं।