शिमला, 15 जून
स्मार्ट सिटी शिमला में पानी की कमी को लेकर एक बार फिर से हाहाकार मच गया है। राजधानी के कई इलाकों में 4 से 5 दिन बाद भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। लोग बावड़ियों का गंदा पानी पीने को मजबूर हो गए हैं।
हालत 2018 जैसी ही हो गयी हैं। जिसको देखते हुए हाई कोर्ट ने शिमला जल प्रबंधन निगम को फटकार लगाते हुए एक हफ्ते में संतुष्ट जनक जवाब दायर करने को कहा है। शिमला में पानी की कमी को लेकर अधिवक्ता विजय अरोड़ा की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शिमला जल प्रबंधन निगम से पूछा है कि कंपनी ने चार साल में पानी की कमी को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं, क्यों लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि माम कर रहे हैं। जिस पर जल प्रबंधन निगम संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
कोर्ट ने कहा है कि पानी के स्रोतों पर किसी का निजी कब्जा नहीं हो सकता है। यह देश की संपत्ति है। इसलिए नगर निगम को इनसे कब्जा हटाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि स्थानीय लोगों को उन स्रोतों से पानी की आपूर्ति दी जा सके। मामले की अगली सुनवाई 22 जून को तय की गई है।