हिमाचल प्रदेश में फर्जी राशनकार्ड रद्द होंगे। प्रदेश सरकार ने खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग को आधार कार्ड के साथ राशनकार्ड की जांच करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने 31 मार्च तक फर्जी राशनकार्डों को ब्लॉक करने के साथ रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने को कहा है। सरकार को शिकायतें मिल रही हैं कि बाहरी राज्यों के लोगों ने हिमाचल में रहते हुए राशनकार्ड बनाए हैं।
इसके अलावा शादी होने के बाद भी महिलाओं के नाम को राशनकार्ड से नहीं काटा गया है, जबकि दूसरी जगह भी नाम का जोड़ दिया गया है। केंद्र सरकार के पोर्टल में ऐसे लोगों की डबल एंट्री दिखाई जा रही है। हिमाचल में 19.5 लाख राशनकार्ड धारक परिवार हैं। इसमें छह लाख के करीब गरीब परिवार हैं।
प्रदेश सरकार राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर डिपो में सस्ता राशन उपलब्ध करा रही है। इसमें तीन दालें (मलका, माश और दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और एक किलो नमक शामिल है जबकि आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध कराती है।
बाजार मूल्य की अपेक्षा लोगों को यह राशन आधे दाम पर मिल रहा है। ऐसे में लोगों ने दो-दो जगह अपने राशनकार्ड बना रखे हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले प्रधान सचिव आरडी नजीम ने कहा कि राशनकार्डों को जांचा जा रहा है। विभाग को इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं। जहां-जहां फर्जी राशनकार्ड बने हैं, उन कार्डों को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं।