08मार्च, शिमला
प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर सचिव (सामाजिक न्याय और अधिकारिता), निदेशक (स्वास्थ्य), उपायुक्त शिमला और जिला कल्याण अधिकारी, जिला शिमला को 21 मार्च को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हाजिर रहने को कहा है। उन्हें यह स्पष्ट करने को कहा है कि कुष्ठ कॉलोनी, फागली, शिमला में स्थित कुष्ठ गृह के निरीक्षण व आवश्यक मरम्मत संबंध में आदेशों की अनुपालना क्यो नही की जा रही है।
7 जनवरी 2022 को पारित आदेशो के तहत हाई कोर्ट ने फागली स्थित कुष्ठ कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं की कमी से जुड़े मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने उपायुक्त शिमला को कुष्ठ कॉलोनी फागली स्थित कुष्ठ रोग गृह का निरीक्षण करने व चार सप्ताह की अवधि के भीतर आवश्यक मरम्मत कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किए गए थे ।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश नीरज शाश्वत द्वारा दायर याचिका पर पारित किए। आरोप लगाया गया है कि लगभग एक दशक पहले सरकार द्वारा कुष्ठ रोगियों को शिमला के फागली में एक इमारत आवंटित की गई थी। जो अब जर्जर हालत में बदल गई है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि तब से राज्य सरकार द्वारा उस भवन में कोई रखरखाव नहीं किया गया है।
आरोप लगाया गया है कि कुष्ठ रोगियों के पास शौचालय तक नहीं है, पानी की उचित सुविधा नहीं है, बिजली की फिटिंग खतरनाक स्थिति में है, खिड़कियां और दरवाजे टूटे हैं, सीवरेज सिस्टम में रिसाव है जिसके कारण मरीजों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इस मामले को विभिन्न अधिकारियों के समक्ष भी उठाया गया था लेकिन उनमें से किसी ने भी इन लोगों की स्थिति में सुधार के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है और बर्फबारी से मरीजों की परेशानी और बढ़ जाएगी।’
याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से कुष्ठ कॉलोनी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।