शिमला, अप्रैल 21
PRENEETA SHARMA
CRAZY NEWS INDIA BUREAU
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर कोविड की मार केवल आम जनता और सरकारी कर्मचारियों की जेबों पर पड़ती नजर आ रही है।
जहां एक तरफ सरकारी खर्चो पर कोई नियंत्रण नहीं हो रहा है जिसका अनुमान सचिवालय में हो रहे काम से ही लगाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों को अपने 1 व 2 दिन के वेतन को एक बार फिर ‘HP Covid -19 Solidarity Response Fund’ को समर्पित करना पड़ेगा। वहीं आम जनता को महेंगाई से गुजरना पड़ रहा है। इस समय तेल, सब्जियाँ, फल हो या पेट्रोल या गैस सिलिंडर सब के दाम आसमान छू रहे है जो केवल आम आदमी कि हर रोज कमर तोड़ रहे है।
सरकार द्वारा दिए गए नए निर्देशों के अनुसार हर सरकारी कर्मचारी को अपने 1 या 2 दिन की तनख्वाह और लोगों की मदद के लिए दान में देने को कहा गया है वहीं दूसरी ओर सरकार लगातार अपने मंत्रियों और अफसरों के लिए महंगी गाड़ियां खरीदने से परहेज करती नजर नहीं आ रही।
एक तरफ तो हिमाचल सरकार बार-बार कर्ज की बेसाखियो के सहारे चल रही है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर का किराया ही 5.10 लाख पर घंटा सरकार द्वारा भरा जा रहा है।
प्रदेश में कोविड के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है और उनकी सहायता के लिए एकत्रित राशि का जिम्मा भी अब आम कर्मचारियों पर थोप दिया गया है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एन के पंडित ने कहा कि नगर निगम चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा मारा है शायद इस बात का प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी आभास हो गया है और अब वह करोना से निपटने पर ध्यान देंगे ना कि अपने शाही खर्चों पर।