हिमाचल प्रदेश के धामी गोलीकांड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बन सकती है। शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई पहले चरण की बैठक में हिमाचल सरकार का डिजाइन पास हो गया है। शनिवार को दूसरे दौर की बैठक में डिजाइन में और सुधार करने पर मंथन होगा। नवंबर के अंत में झांकी को परेड में शामिल करने का अंतिम फैसला होगा।
26 जनवरी 2022 को आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर झांकियां बनाई जानी है। प्रदेश के भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश के पहले गोलीकांड की झांकी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। शुक्रवार को देश भर से आई झांकियों के प्रस्तावों को लेकर छंटनी बैठक हुई।
इस बैठक में हिमाचल सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अब झांकी के मॉडल को चयन समिति को भेजा जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि छंटनी बैठक में हिमाचल का प्रस्ताव पास होने से उम्मीदें बढ़ गई हैं। स्वतंत्रता संग्राम में धामी गोलीकांड विशेष महत्व रखता है। हिमाचल से ब्रिटिश हुकूमत की दमनकारी नीतियों के खिलाफ यहां के लोगों ने आंदोलन का जो बिगुल फूंका था। इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी थी।
16 जुलाई 1939 को धामी में प्रजामंडल के कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन रियासत के राजा की जनता विरोधी नीतियों को देखते हुए शिमला से भागमल सोहटा और पंडित सीताराम शर्मा के नेतृत्व में हजारों लोगों की उपस्थिति में राजमहल के बाहर प्रदर्शन व नारेबाजी की। थोड़ी देर बाद भीड़ बेकाबू हो गई और पथराव शुरू हो गया।
राजा के सिपाहियों ने उग्र भीड़ को काबू करने के लिए उन पर लाठीचार्ज कर दिया। बाद में गोलियां चलाना शुरू दी। गोलीबारी में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य लोगों ने उपचार के लिए ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। धामी गोलीकांड की इस घटना से पूरे देश में असंतोष फैल गया था।