लाहौल -स्पीती,17फरवरी
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में लोगों को सर्दियों में बर्फ को पिघलाकर पेयजल के लिए इस्तेमाल करने से जल्द छुटकारा मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में पहली बार एंटी फ्रीजिंग पेयजल परियोजना को मंजूरी दी है, जिसके लिए 13.19 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे घाटी में माइनस 15 डिग्री तापमान में भी पाइपों में पीने का पानी नहीं जमेगा।परियोजना के लिए तीन परत वाले पानी के पाइप इस्तेमाल होंगे। यही नहीं, जल उपचार संयंत्र को भी गरम रखने की व्यवस्था होगी।
इससे लाहौल वासियों को सर्दियों में 24 घंटे पेयजल की किल्लत नहीं होगी। इसके बाद प्रदेश के शिमला समेत अन्य ठंडे इलाकों में भी ऐसी पेयजल परियोजना पर काम हो सकता है। जल शक्ति विभाग इस पेयजल परियोजना को लाहौल के मुख्यालय केलांग में शुरू करने जा रहा है। मार्च में इसके टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। लाहौल-स्पीति जैसे कड़ाके की ठंड वाले इलाके में सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 15 डिग्री तक लुढ़क जाने से पेयजल योजनाएं बर्फ से जम जाती हैं।
ऐसे में बर्फबारी वाले क्षेत्रों में एंटी फ्रीजिंग पेयजल परियोजना एक वरदान साबित होगी। इससे केलांग की करीब तीन हजार आबादी को सर्दी के मौसम में भी 24 घंटे पेयजल की सुविधा मिलेगी। करीब चार किमी लंबी इस पेयजल परियोजना में पहली बार थ्री लेयर एचडीपी (तीन परत वाले पाइप) के उच्च गुणवत्ता वाले पाइपों को इस्तेमाल होगा। पाइप के भीतर एक परत थर्मोकोल की होगी, जबकि पाइप की बाहरी परत भी पानी को जमने नहीं देगी।
इससे प्रचंड ठंड में भी पानी सुचारु रूप से बहता रहेगा। यह तकनीक यूरोपियन देशों में इस्तेमाल की जाती है। मुख्य पाइप से पानी को पहले चार स्टोरेज टैंकों में जमा किया जाएगा, जो भूमिगत होने के साथ पूरी तरह इंसुलेटिड होंगे। लोगों को पेयजल आपूर्ति करने से पहले इसे ट्रीटमेंट प्लांट में भरा जाएगा। यह ट्रीटमेंट प्लांट हीटिंग सिस्टम से लैस होगा।