सोलन। हिमाचल प्रदेश देवभूमि होने के साथ ही साथ वीरभूमि भी है। यहां तक कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी कई बार देश की रक्षा में अपनी जान गंवाने वाले हिमाचल के सपूतों की प्रशंसा कर चुके हैं। इस सब के बीच देश के आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर एक बार फिर हिमाचल के लोगन का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। दरअसल, सीआरपीएफ की 137 बटालियन में असीस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात हिमाचल के बेटे पंकज कुमार को पुलिस बहादुरी के सर्वश्रेष्ठ पदक ‘पीएमजी’ से नवाजा गया है।
अपने साहस का परिचय देते हुए असीस्टेंट कमांडेंट पंकज कुमार ने साल 2020 में जम्मू के नगरोटा टोल प्लाजा पर जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। अचानक ही इस टोल प्लाजा पर एक ट्रक रुका। इसके भीतर हलचल महसूस की गई। जैसे ही सीआरपीएफ ने इसकी जांच करने की कोशिश की तो भीतर से ताबड़तोड़ गोलियां चलनी शुरू हो गई। इस दौरान डॉ पंकज कुमार ने अदम्य साहस का परिचय दिया। ट्रक से असला व बारूद भी बरामद किया गया था।
मूलतः पंकज कुमार का परिवार बिलासपुर से ताल्लुक रखता है, लेकिन अरसे से सोलन में ही सैटल है। पत्नी, मनभाविनी इस समय डेंटल कॉलेज में प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं। बता दें कि पुलिस मैडल फॉर गैलेंटरी देश में पुलिस सेवा में बहादुरी का सर्वश्रेष्ठ पदक है। हालांकि डॉ पंकज की इस जांबाजी की दास्तां को एक से डेढ़ साल का वक्त हो चुका है, लेकिन अब जब केंद्र सरकार द्वारा बहादुर जांबाजों को पदक से नवाजने की सूची जारी हुई है।