हिमाचल प्रदेश के विभिन्न बागवान संगठन पहली बार एक मंच पर एकजुट होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। प्रदेश की मंडियों में सेब के दाम गिरने के बाद बागवान 30 अगस्त को भावी रणनीति को मूर्त रूप देंगे। बागवान राज्य और केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर हिमाचल के सेब को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिए दबाव बना रहे हैं। बागवानी से जुड़े अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर भी चर्चा करके सरकार को घेरने की तैयारी है।
हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच सेब बागवानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर शिमला के कालीबाड़ी हाल में 30 अगस्त को सुबह 10:30 बजे सभी बागवान संगठनों के नेताओं के साथ मंथन करेगा। सभी किसान और बागवान संगठनों को एक मंच पर बागवानों के हितों में मंथन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि कश्मीर की तर्ज पर नैफेड, एचपीएमसी, हिमफेड के माध्यम से सेब के ए ग्रेड का मूल्य 60 रुपये, बी 44 रुपये और सी ग्रेड का दाम 24 रुपये प्रति किलो तय किया जाए। ओलावृष्टि और बेमौसमी बर्फ से हुए नुकसान के आंकलन की रिपोर्ट के बाद मुआवजा न मिलने, पैकिंग सामग्री, दवाई के दामों में भारी वृद्धि, परिवहन भाड़े में वृद्धि जैसे मुद्दों पर भी मंथन किया जाएगा।