हिमाचल प्रदेश में शिमला-बिलासपुर फोरलेन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। हाईवे के फोरलेन बनने से आने वाले दिनों में लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसके बनने से शिमला-बिलासपुर के बीच की करीब 25 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी।
शिमला-बिलासपुर फोरलेन निर्माण की तैयारी शुरू:दोनों जिलों के बीच दूरी घटेगी, 12 हजार लोगों की जमीन अधिगृहित होगी, 130 करोड़ मुआवजा मिलेगा
पहले चरण में फोरलेन बनाने का कार्य अर्की के शालाघाट से बिलासपुर के नौणी के बीच शुरू होगा। इसमें सोलन ज़िले के अर्की का 18.500 किलोमीटर और बिलासपुर ज़िले का 9 किलोमीटर का क्षेत्र आएगा। वहीं 14 बीघा सरकारी भूमि व 605 बीघा निजी भूमि सहित कुल 619 बीघा जमीन इसकी जद में आएगी।
फोरलेन बनाने के लिए अर्की क्षेत्र में आने वाले करीब 11 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे, जिनमें से 8 हज़ार सामान्य पेड़ हैं, जबकि 3 हज़ार फलदार पेड़ हैं। इन पेड़ों की गिनती NHAI और वन विभाग की ओर से पूरी कर ली गई है। जल्द ही इन पेड़ों को काटने के लिए टेंडर अलॉट किए जाएंगे।
पहले चरण में शालाघाट(अर्की) से नौणी (बिलासपुर) तक फोरलेन रोड पर 2 टनल बनाई जाएंगी। पहली करीब 3545 मीटर लंबी टनल सरी से रेवटा व दूसरी टनल करीब 305 मीटर लंबी धुन्दन से नलाग तक बनाई जाएगी। इस बारे में SDM अर्की केशव राम कोली ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जल्द ही फोरलेन के शालाघाट से नौणी तक का पहले चरण का कार्य शुरू हो जाएगा। फोरलेन बनने से करीब 12 हज़ार लोगों की भूमि अधिकृत की जाएगी, जिन्हें मुआवजे के तौर पर 130 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। फोरलेन निर्माण कार्य में 11 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे और 2 टनल बनाई जाएंगी।