हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सरकार के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया है। संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार जल्द उन्हें वार्ता के लिए बुलाए और परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांगें पूरी करें, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश अध्यक्ष बलराम पुरी ने कहा कि कल्याण मंच ने गत 25 जुलाई को मुख्यमंत्री व निगम प्रबंधन को एक मांग पत्र दिया था और अगस्त में होने वाले विधानसभा सत्र में धरना प्रदर्शन करने का नोटिस भी दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर युक्त पत्र द्वारा मंच को जानकारी दी कि सरकार आपकी मांगों पर विचार कर रही है और धरना-प्रदर्शन न करें तथा आपको जल्द वार्ता के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब कल्याण मंच द्वारा मुख्यमंत्री को इस बारे दो बार स्मरण पत्र दिए गए, लेकिन उन्हें अभी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके लिए पेंशनरों में सरकार के प्रति रोष है। उन्होंने कहा कि गत 17-18 नवंबर को मंडी में प्रदेश अधिवेशन व 30 नवंबर को हमीरपुर में प्रदेश संचालन समिति ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि अगर सरकार हमारी मांगों को हल नहीं करती और वार्ता के लिए नहीं बुलाती है, तो आगामी बजट सत्र शिमला में मंच विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेगा और इनका प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
ये है मांगें
– पेंशन के लिए बजट की समस्या का स्थायी हल
-पेंशन हर माह के प्रथम सप्ताह में दी जाए
– 2016-2017 से से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनकी ग्रेच्युटी व लीव-इनकैशमेंट का भुगतान 31 दिसंबर से पहले हो
– महंगाई भत्ते का बकाया 2015 से 2021 तक हो जो 46 प्रतिशत बनता है व आठ प्रतिशत अंतरिम राहत है, उसको जारी किया जाए
– 2016 से लागू किए जाने वेतनमान को सरकार के कर्मचारियों को दिया जाए
– 65, 70, 75 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पेंशनरों को क्रमश: पांच, दस व 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर की जाए
– संशोधित वेतनमान को पेंशन में जोड़ा जाए