पिछले आम लोक सभा चुनावों में भाजपा के चुनाव प्रचार से दूर रहे और मंत्री पद छोडऩे वाले सदर विधायक अनिल शर्मा इस बार उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उतर सकते हैं। यही नहीं, इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि उनके पुत्र आश्रय शर्मा भी अब भाजपा में फिर वापस लौट सकते हैं। हालांकि भाजपा आसानी से आश्रय शर्मा को पार्टी में फिर से लेती है या नहीं, इस पर सवाल खड़े हैं, लेकिन इसी बीच मंगलवार को कांग्रेस का टिकट घोषित होने के बाद सदर विधायक अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बंद कमरे में 15 मिनट तक मुलाकात कर इन अटकलों को और बल दे दिया है। सूत्र बताते हैं कि अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री को कहा है कि वह भाजपा के विधायक हैं और भाजपा के ही रहेंगे। हालांकि बैठक के बाद अनिल शर्मा ने स्पष्ट किया है कि वह कोई भी निर्णय जनता की रजामंदी के बाद ही लेंगे।
उपचुनाव में किसके साथ चलना है या शांत बैठना है, यह फैसला जनता ही करेगी। वहीं आश्रय शर्मा इस समय कांग्रेस के पदाधिकारी हैं और अनिल शर्मा भाजपा विधायक हैं। ऐसे में दोनों को भी एक साथ चलने में दिक्कतें आ रही हैं। अनिल शर्मा स्वयं ये कह चुके हैं कि उनके समर्थक व सदर की जनता चाहती है कि परिवार अब एक ही दल में एक साथ चले। इसी बीच अब मंगलवार को अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर कई बातों को लेकर चर्चा की है। वहीं, सर्किट हाउस में अनिल शर्मा ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि चुनावी बेला पर उनकी सीएम से मुलाकात हुई है। अनिल शर्मा ने बताया कि उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि जो सदर की जनता तय करेगी, वह उसी का पालन करेंगे। वह जनता के बीच जा रहे हैं और उनकी नब्ज टटोल रहे हैं। जो जनता का आदेश होगा, उसकी पालना की जाएगी। (एचडीएम)
मुख्यमंत्री बोले, कभी-कभार होती रहती है मुलाकात
उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा और उनकी कभी-कभार मुलाकात होती है और उसे अन्यथा न लिया जाए। उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा अभी भी भाजपा के विधायक हैं और यदि वे भाजपा के प्रचार का हिस्सा बनेंगे तो उन्हें इस बात की खुशी होगी। उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा इसके लिए इन दिनों जनता के बीच जाकर उनकी राय ले रहे हैं।










