जेबीटी (JBT) बैचवाइज भर्ती में बीएड (B Ed) को शामिल करने पर जेबीटी प्रशिक्षुओं ने काफी रोष दिखाया था, लेकिन अब लगभग सभी जिलों के परिणाम निकाल दिए गए हैं। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कहा कि इसमें सिर्फ बीएड वालो को ही शामिल किया गया है।
जेबीटी / डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के प्रदेश महासचिव जगदीश परयाल ने कहा कि जेबीटी बैच वाइज भर्ती में बीएड को शामिल करने से जेबीटी के हको को छीना गया है। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने समय-समय पर इसके लिए आवाज भी उठाई और सरकार से मांग की थी कि की जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक बीएड को जेबीटी में शामिल मत करो। क्योंकि बीएड के पास जेबीटी टेट पास सर्टिफिकेट नहीं है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने कभी बीएड के लिए जेबीटी टेट करवाया ही नहीं है। जगदीश परयाल ने कहा कि जिन लोगों को भर्ती में शामिल किया गया है। वो एलिजिबल भी नही होते हैं। किसी के 12वी में मार्क्स कम है तो किसी के सर्टिफिकेट पूरे नहीं है। शिक्षा विभाग का काम भर्ती करवाना है। वो इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद जेबीटी प्रशिक्षु शिमला में अनशन पर बैठे थे। उस समय मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक किसी भी जिले का परिणाम न घोषित करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद चम्बा जिले का परिणाम निकाला गया। जिसमे सिर्फ बीएड वालो को शामिल किया गया है। अगर शिक्षा विभाग नही मानता और इसी प्रकार से अपनी मनमानी करता रहेगा तो जेबीटी प्रशिक्षु शिमला में फिर से अनशन पर बैठेंगे ।
उनका कहना है कि कक्षा 1 से 5 तक सिर्फ जेबीटी का ही हक है। सरकार इसके लिए पूरे प्रदेश भर में 28 सरकारी व प्राइवेट संस्थानों में प्रशिक्षण करवा रही है। उसके बावजूद बीएड को शामिल करना गलत है। जेबीटी बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि जेबीटी प्रशिक्षुओं को इस सरकार से बहुत उम्मीदें थी। पिछले 5 सालों से उनके साथ शोषण हो रहा है, इसमें मुख्यमंत्री खुद संज्ञान ले। अगर मांगों को नही माना जाता है तो संघ आमरण अनशन करने से भी पीछे नही हटेगा।