कोटखाई की गाजटा बीट में बड़े पैमाने पर देवदार के हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने का मामला सामने आया है। वन विभाग की प्रारंभिक जांच में करीब 19 पेड़ों को काटने की बात सामने आई है। इससे करीब 50 लाख की वन संपदा को नुकसान का आकलन किया गया है।
हैरानी इस बात की है कि दो महीने से जंगल में इतने बड़े पैमान पर कटान होता रहा। मगर वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने मौके का औचक निरीक्षण करने के बाद पुलिस में इस संबंध में केस दर्ज करवा दिया है। हालांकि अभी तक अवैध कटान करने वालों के बारे में कोई सुराग नहीं लगा है।
जानकारी के अनुसार वन विभाग को गुप्त मिली थी कि गाजटा बिट में देवदार के पौधों का अवैध कटान किया जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची। यहां पड़ताल करने पर पता चला कि बीट में करीब 19 देवदार के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई है।
मौके पर पेड़ों की चोटियां ही मिल पाई जबकि अन्य लकड़ी गायब पाई गई। वन विभाग और पुलिस विभाग की टीम बुधवार को गाजटा बीट को छानती रही। प्रारंभिक जांच में करीब 19 पेड़ कटे हुए मिले। इससे करीब 50 लाख रुपये की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी रणजीत सिंह कंवर ने बताया कि उन्हें तीन-चार दिन पहले सूचना मिली थी कि कोटखाई के जंगल में अवैध कटान किया जा रहा है।
उन्होंने जंगल में छानबीन की तो गाजटा बीट में 19 पेड़ देवदार के काटे हुए मिले। उन्होंने कहा कि वन पर्यवेक्षक ड्यूटी पर नहीं है। जिन्होंने यह अवैध कटान किया है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच के लिए वन विभाग की एक टीम का गठन किया गया है। इसके साथ पुलिस में मामला दर्ज भी करवाया गया है। अवैध रूप से काटी लकड़ी को बरामद करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अवैध कटान करीब 2 महीने पहले का लग रहा है बाकी छानबीन की जा रही है।