राजगढ़ 28 सितंबर । गणपित बप्पा मोरया के उद्घोष के साथ लोगों ने भगवान श्रीगणेश की मूर्ति का वीरवार यशवंतनगर के साथ बहने वाली गिरि नदी में ढोल नगाड़ों के साथ विसर्जन किया गया । पूरा दिन विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु टोलियों में आकर इस दस दिवसीय उत्सव की गिरि नदी में गणेश भगवान की मूर्ति को प्रवाहित करके विदाई कर रहे थे । जिससे गिरि नदी के शनि मंदिर के समीप वातावरण भक्तिमय बन गया । सोलन से आए नीरज नामक एक भक्त ने बताया कि उनके द्वारा यह पर्व हर वर्ष बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें परिवार व आसपड़ोस के लोग भाग लेते हैं । बताया कि गणेश सभी देवी-देवताओं में श्रेष्ठ माने जाते हैं जिस कारण गणेश भगवान की किसी भी कार्य में सबसे पहले अराधना की जाती है । बता दें कि हर वर्ष भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशोत्सव आरंभ होता है जोकि चतुदर्शी तक चलता है । विशेषकर दक्षिण भारत के जो लोग हिमाचल प्रदेश में रहते हैं, इस गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान अपने घर में गणेश की मूर्ति की शोडषोपचार के साथ दस दिन तक पूजा की जाती है । लोगों का विश्वास है कि गणपति की पूजा से घर में खुशहाली व सुख समृद्धि आती है ।