शिमला, 14 दिसम्बर : डेरा बाबा नानक दिवस समारोह शिमला के घणाहड़ी में शनिवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदो को याद करते हुए राष्ट्रगान से की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 1971 के युद्ध में शामिल रहे ऑनरेरी कैप्टन मनशा राम तथा 10 डोगरा के पूर्व कमांडिंग ऑफिसर कर्नल थॉमस विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में 1971 के युद्ध में शामिल पूर्व सैनिको तथा यूनिट में विस्मरणीय सेवाए दे चुके पूर्व सैनिकों को सम्मान्नित किया गया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक पूर्व सैनिको ने भाग लिया। सभागार में बृजलाल शर्मा ने 1971 के बैटल ऑफ डेरा बाबा नानक के इतिहास की यादों से ताजा करते हुए कहा कि 1971 में भारत- पाक युद्ध के समय 10 डोगरा रेजिमेंट को एक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी गई। पाकिस्तान ने रावी नदी के तट पर डेरा बाबा नानक के आस पास रेलवे स्टेशनो तथा इमारतों को बार रूम बनाकर हमला कर रहा था। 5 जून सन् 1971 को 10 डोगरा ने दुश्मन सेना पर पूरी ताकत के साथ हमला किया तथा पाकिस्तानी सेना के 34 सैनिको को मार गिराया व 26 सैनिको को युद्ध बंदी बनाकर हथियारों का भारी जखीरा कब्जे में लिया। हमारे शूरवीरो के साहस व सर्वोच्च बलिदान से दो जनमो को माहावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इनके अदम्य साहस, देशभक्ति व सर्वाेच्च बलिदान को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। ऑनरेरी लेफटिनेंट हरदेव, कमलजीत, रूपराम चौहान ने जानकारी दी कि यह इस तरह का 10 डोगरा के पूर्व सैनिकों द्वारा पहली बार यह कार्यक्रम किया गया। आने वाले समय से यह कार्यक्रम अब हर वर्ष किया जाएगा।