सिरमौरः हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां जिला योजना अधिकारी के उपर 9 लाख रूपए की सरकारी धन का घोटाला करने का आरोप लगा है। मिली जानकारी के अनुसार जिले के DPO दिनेश गुप्ता ने यह सरकारी धनराशि अपने बेटे व क्लर्क के खाते में ट्रांसफर की थी।
बतौर रिपोर्टस, DPO ने साढे़ सात लाख रूपए अपने बेटे के बैंक अकाउंट में व डेढ़ लाख रूपए की राशि डीलिंग क्लर्क के खाते में ट्रांसफर की थी। इस बात की जानकारी जैसे ही प्रशासन को लगी तो प्लानिंग विभाग ने जिला योजना अधिकारी दिनेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया इसके साथ ही उनका मुख्यालय शिमला तय किया गया है।
वहीं, इस मामले में उपायुक्त आरके गौतम ने एसी-टू-डीसी प्रियंका चंद्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही उपायुक्त ने प्रियंका चंद्रा को फैक्ट फांइंडिंग रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी दिए हैं। ताकि इस बात का भी पता लगाया जा सके की पैसों के हेरफेर में क्लर्क का भी हाथ था या नहीं।
जब लगा की फंस जाऊंगा, तो वापस डाल दिया पैसा!
वहीं, जब धीरे-धीरे इस मामले की परतें खुलने लगीं और जिला योजना अधिकारी को इस बात की भनक लगी कि वह इस पूरे मामने को लेकर बुरी तरह से फंस सकता है। तो उसने सरकारी धन राशि दोबारा सरकार के खाते में ट्रांसफर कर दी। इस बीच जानकारी ये भी सामने आ रही है कि प्रशासन ने सरकारी खातों को लेकर जिला योजना अधिकारी से जानकारी भी मांगी थी। लेकिन उनके द्वारा सही ढंग से रिकॉर्ड ना दिखा पाने की वजह से प्रशासन ने सीधे बैंकों से ही खातों को लेकर जानकारी जुटाई।
बता दें कि इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले योजना विभाग के संयुक्त निदेशक नाहन आए हुए थे। शुरुआती जांच में इस मामले की पुष्टि हो गई थी कि जिला योजना अधिकारी द्वारा सरकारी धन को अपने बेटे व डीलिंग क्लर्क के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था। जिसके तुरंत बाद ही DPO को सस्पेंड कर दिया गया था।
गौरतलब है कि जन सहयोग योजना के तहत इस धन राशि की मंजूरी उपायुक्त के स्तर पर होती है। इसके बाद DPO द्वारा इस राशि को लाभ पाने वाले व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है। वहीं, इस योजना के तहत लाभ न मिलने पर किसी शख्स द्वारा विभाग में शिकायत दी गई थी। शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पाया कि सरकारी पैसों की धांधली हुई है।