वन्यप्राणी प्रभाग वन विभाग के मुख्यरण्यपाल अनिल ठाकुर ने मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिये वन्यप्राणी मंडल हमीरपुर द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ गोपालपुर चिड़ियाघर कांगड़ा में किया।
अनिल ठाकुर ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हमारे फ्रंट लाइन स्टाफ (वन रक्षकों) को ट्रैंक्विलाइज़ेशन उपकरणों के बारे में अवगत करवाना ,तथा अपने अपने क्षेत्रों में वन्यप्राणी संघर्ष को कम करने के लिये सही तरीके से इसका इस्तेमाल करने के प्रति सजग बनाना है। क्योँकि हिमाचल प्रदेश में सभी क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले आते रहते हैं। ट्रैंण्ड स्टाफ की कमी से शिमला से ही टीम को पूरे हिमाचल प्रदेश में भेजना पड़ता है । तभी इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश के चंबा ,कुल्लू,कांगड़ा,ऊना हमीरपुर जिला में कार्यरत वनरक्षकों ने भाग लिया ।
कार्यशाला में डॉ रोहित वेटनरी ऑफिसर शिमला मुख्यालय ने कार्यशाला में समिलित सभी प्रतिभागियों को ट्रैंक्विलाइज़ेशन उपकरणों को सही तरीके से इस्तेमाल करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया।
आज पहली बार सभी प्रतिभागियों को धर्मशाला सुकड्ड में फंसे तेंदुए को ट्रैंक्विलाइज़ेशन के माध्यम से बचाकर ट्रैंक्विलाइज़ेशन उपकरणों के उपयोग का प्रैक्टिकल करवाया गया।
इस कार्यशाला में उपासना पटियाल मुख्यरण्यपाल धर्मशाला वृत, राहुल रहाणे , वन मंडलाधिकारी वन्य प्राणी मंडल हमीरपुर , देविंदर डढवाल वन मंडलाधिकारी ,धर्मशाला और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहें।