PRENEETA SHARMA
आज 2020 में भी हम विकास के नाम से ठगे जाते है। नौकरी के नाम से ठगे जाते है। सड़क न होने की वजह से मरीज सड़क तक डंडे पर उठा कर घंटो के सफर से पहुंचाए जाता है। एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिलती है, कई बार बुलाने पर भी बहाने बना कर टाल दिया जाता है।
ऐसी ही कहानी गांव खपरोना के उपगांव खेड़ा, सिक्का, कियारी और कियार रोड की है जो आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। 30 सालो से यहाँ के लोग सड़क की मांग कर रहे है पर आज भी उनका सड़क देखने का सपना, सपना ही बना हुआ है। बता दे कुछ साल पहले एक सड़क जरूर बनी है मगर उसकी भी खस्ता हालत है। और वो बाई पास निकल कर लानी बमटा के लिए निकली गई है।
बता दें कियारी- कियार के लिए एक रोड जायली से निकाली गई है जिसमें रिपेयर के नाम पर सिर्फ ठगी की गई है। आज भी वो सड़क ना ही रिपेयर की गई और ना उस पर कोई काम किया गया है । इस सड़क पर कुछ साल पहले लैंडस्लैड हुआ था जिस कारण यह बंद हो गई थी और आज तक बंद है।
हैरानी की बात यह है की लगभग 30 साल पहले राजा योगेन्दर चन्द्र कांग्रेस विधायक चौपाल ने गॉव व उपगांव को जोड़ने के लिए खुद मौके पर आ कर चंजालपुल से सड़क बनाने का वादा भी किया था लेकिन आज तक ना सड़क बनी ना ही कोई ठोस कदम उठाया गया। आज भी यहाँ बीमार व्यक्ति को काफ़ी मिल दूर चल कर अस्पताल पहुँचाया जाता है, जो चल पाता है वो बच जाता है , जिसका कोई नहीं वो वही घुट घुट के मर जाता है।
राजू, प्रधान खपरोना गाऊँ, से जब crazynewsindia ने बात की तो उन्होने बताया की ” यह 10 किलोमीटर की सड़क है जो पहले से ही शेड्यूल कंपोनेंट में प्रस्तावित हैं। इसमें समस्या यह आ रही है की इसमें फारेस्ट है और इसकी क्लीयरेंस देहरादून से होंगी। सड़क बनाने के लिए जो औपचारिकता लगनी है वो सब त्यार है। बल्कि डीसी शिमला से भी अनुमति मिल गई है। ” उन्होने बताया पहले FCA के लिए DFO दो हेक्टेयर तक की मंजूरी दे सकता था पर अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है, अब इसकी मंजूरी केंद्रीय वन विभाग जो की देहरादून में है वो देगा।
सड़क कब तक बन जाएगी इस पर प्रधान राजू ने बताया की “हमने सरकार और विभाग पर दबाव डाला है।जैसे ही कुछ स्थानीय अनुमति जो बची है हो जाती है, हम देहरादून जाकर इसे जल्द से जल्द कराने की कोशिश करेंगे।”
बता दे पिछले साल यहाँ से 4 कैंसर मरीजों की मौत एक साथ हो गई थी बस उनकी गलती यह थी की वह वक्त से अस्पताल नहीं पहुँच पाए । यही नहीं कुछ महीने पहले तीन गर्वती महिलाओ की सड़क पर ही डिलीवरी हो गई थी । गनीमियत यह रही की वो और उनके शिशु को कुछ नहीं हुआ। सड़क ना बनने से यहाँ के लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है।
राजू ने बताया की “जितनी भी सड़क अभी तक बनी है वो पंचायत व ब्लॉक के द्वारा बनाई गई है जिसमें कुल खर्चा 1, 65, 000 तक का किया गया है। अभी सेब की ढुलान मार्टल से क्यारी तक छोटे वाहनों के द्वारा की जा रही है।”
राजेश कुमार ने बताया की “हर साल कई अधिकारियो से भी ग्रामवासीयों ने मदद की गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ। विधायक बलबीर वर्मा को भी विज्ञापन सौंपा गया पर उन्होंने ने भी मुजुबानी आश्वासन ही दिया।”सरकारी दफ्तर के बाबू व विधायक पता नहीं कियों हमारे गांव के रोड के लिए इच्छुक नहीं है वैसे 30 साले काफी होती है, राजेश ने कहा
जब crazynewsindia की टीम ने विधायक बलबीर वर्मा से फ़ोन के माध्यम से बात करने की कोशिश की तो उन्होने फ़ोन नहीं उठाया। जब उन्हें व्हाट्स के माध्यम से बात करने की कोशिश की तब उन्होंने ना कोई जवाब ना ही इस मुद्दे पर बात की। क्या ऐसा होता है विधयाक जो फ़ोन ही ना सुने?
राम सिंह ने बताया की हमारे इन गांव में जब भी कोई हार्ट अटैक जैसी बीमारी से अचानक बीमार हो जाता है तो कुछ घंटो के वजाय शिमला तक पहुंचने के लिए पूरा दिन लग जाता है तब तक आप खुद समझ सकते है कि किया होता है। ”
सीता (नाम बदल कर )” मेरा आठवा महीना है और मेरी डिलीवरी कभी भी हो सकती है। मुझे तो यह भी नहीं पता की मुझे वक्त रहते उपचार मिलेगा की नहीं। यहाँ सड़क बिलकुल नहीं है, हर पल मुझे डर लगा रहता है की मेरा क्या होगा, कहीं मेरा हाल भी ऐसा ना हो की मेरी मौत होजाए। ” कब बनेगी यह सड़क?
लोगों का कहना है की इस समस्या का समाधान हो सकता है अगर विभाग और विधयाक इस पर ध्यान दे। उन्होंने यह भी कहा है की अगर अब विभाग और विधायक ने कुछ नहीं किया तो हम ना केवल मुख़्यमंत्री से मिलेंगे बल्कि आंदोलन करना पड़ा तो वो भी करेंगे।