जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग उठाये जरूरी कदम
नाहन 21 जून। उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने जिला की सभी सड़कों, पेयजल योजनाओं, स्वास्थ्य संस्थानों, विद्युत आपूर्ति, परिवहन आदि जरूरी जन सेवाओं को आगामी मौनसून के दृष्टिगत क्रियाशील और दुरूस्त बनाये रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मौनसून के दृष्टिगत संभावित आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने रहना चाहिए ताकि घटना के उपरांत समय पर राहत एवं पुनर्वास का कार्य किया जा सके।
उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) सुमित खिमटा आज बुधवार को नाहन में डीडीएमए सिरमौर की आगामी मौनसून की तैयारियों के लिए आयोजित विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्लान को अपडेट किया जा रहा है और सभी विभाग अपने अपने विभाग के आपदा प्रबंधन प्लान को भी तैयार करें। उन्होंने कहा कि इससे आपदा के समय किये जाने वाले राहत और पुनर्वास कार्य में बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रतिदिन डैमेज रिपोर्ट भेजने के लिए सम्बन्धित एसडीएम व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में स्थापित जितने भी वाटर डैम हैं उनमें पानी छोड़ने से पहले अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत सायरन के साथ-साथ वायस मैसेज भी देना डैम प्रबन्धन सुनिश्चित बनायें क्योंकि सेंट्रल वाटर कमीशन के दिशा निर्देश में भी सायरन के साथ वायस मैसेज देना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि केवल सायरन बजाने से ही खतरे की सही सूचना नहीं दी जा सकती है बल्कि इसके लिए डैम प्रबन्धन को चाहिए कि वायस मैसेज प्रणाली को भी अपनाया जाये।
सुमित खिमटा ने स्वास्थ्य विभाग को बरसात के दिनों में होने वाले जल जनित रोंगों की रोकथाम के लिये कड़े कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग को जहां कलोरीनेशन का कार्य करना चाहिए वहीं समुचित मात्रा में आवश्यक दवायें भी लोगों तक पहुंचानी चाहिए। उन्होंने जल शक्ति विभाग को भी पेयजल भंडारण टैंकों की साफ सफाई के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को संभावित आपदा के दृष्टिगत जीवन रक्षक दवाइयों का समुचित स्टॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर अस्पतालों तक मुहैया करवाने के लिए कहा। उन्होंने बरसात के दिनों में सर्पदंश की घटनाओं की संख्या में इजाफा होने के दृष्टिगत एंटि-स्नेक वेनम भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक उपलब्ध करवाने के लिए कहा।
सुमित खिमटा ने जिला के शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में गलियों और नालियों की उचित साफ-सफाई के कार्य को मौनसून प्रारम्भ होने से पहले पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय पर सफाई होने से मौनसून के समय नालियों के चौक होने के कारण शहर के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में घुसने वाले पानी से लोगों को निजात मिलेगी।
उन्होंने ग्रामीण स्तर पर सभी परम्परागत पेयजल स्रोतों की समय पर साफ सफाई सुनिश्चित बनाने के लिए कहा ताकि आपदा अथवा भारी बरसात के कारण पेयजल योजना में दिक्कत आने पर इन जल स्रोतों का पानी इस्तेमाल किया जा सके। इसके लिए उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की है।
जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान ने इस अवसर पर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक का संचालन किया और विस्तार से विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोम दत्त, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति राजीव महाजन, उप निदेशक उच्च शिक्षा कर्म चंद, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विजय सिंह हमलाल, उप निदेशक कृषि राजेन्द्र ठाकुर, उप निदेशक उद्यान डा. सतीश शर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण वी.के. अग्रवाल, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद संजय तोमर, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रभारी राजन कुमार, अरविंद व अन्य विभागों के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।