हिमाचल प्रदेश के ओजस शर्मा को ‘‘इंडिया इंटरनेशनल साराभाई स्टुडेंट साईंटिस्ट अवार्ड 2020’’ से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी से संबद्ध रमन विज्ञान, प्रौद्योगिकी फाउंडेशन व नेशनल काउंसिल ऑफ़ टीचर साईंटिस्ट के त्रिपुरा चैप्टर ने इस अवार्ड को अलग तरह से डिजाईन किया है। इसे दुनिया भर में अपनी तरह की पहली कोशिश माना जा रहा है। नासा के वैज्ञानिक डाॅ. जाॅर्ज ने विजेता छात्र वैज्ञानिकों को बधाई भी दी है।
बता दें कि देश के 13 छात्रों का चयन इस अवार्ड के लिए किया गया था। इसका ऐलान डाॅ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि पर 30 दिसंबर को किया गया था, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी माना जाता है।
मूलतः सोलन का रहने वाला ओजस इस समय सैनिक स्कूल टिहरा में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। अवार्ड जीतने के बाद ओजस को भाबा रिसर्च अकैडमी के निदेशक डाॅ. संती लाल का संबोधन भी सीधे सुनने का अवसर मिला। अवार्ड विजेताओं को प्रमाणपत्र, मैडल के अलावा अन्य पाठन सामग्री से भी नवाजा गया है, ताकि उन्हें वैज्ञानिक बनने की दिशा में प्रेरित किया जा सके।
बता दें कि इस अवार्ड को हासिल करना आसान नहीं था,क्योंकि इसे हासिल करने की डिजाईनिंग बेहद ही जटिल थी। आकाशीय मंगल, चंद्रमा व शुक्र के लिए प्रतिभागियों को स्क्रीन रिकाॅर्डर का विकल्प का उपयोग कर मिशन रिकाॅर्ड करना होता है। स्टुडेंट अवार्ड को देश के शीर्ष वैज्ञानिकों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है। एस्ट्रो ओलंपियाड के माध्यम से अंतिम चरण के बाद पुरस्कार विजेताओं को शाॅर्टलिस्ट किया जाता है। इसमें किसी भी उम्र के छात्र हिस्सा ले सकते हैं।
इस कार्यक्रम की शुरूआत 19 जुलाई 2020 को की गई थी। त्रिपुरा चैप्टर के निदेशक ने छात्रों से आग्रह किया कि लाॅचिंग डिजाईनिंग में खुद को शामिल करें।
राॅकेट व लाॅन्च वाहन व गेम का उपयोग कर सौर प्रणाली या आकाश गंगाओं के किसी भी आकाशीय वस्तुओं के लिए एक मिशन तैयार करें। इसके लिए वैबसाइट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।