हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अटल सुरंग रोहतांग के बनने पर लाहौल वासियों को हार्दिक शुबकामनाएं दी है और कहा है कि इस सुरंग के शुरू हो जाने से जिला लाहौल स्पीति के लोगों को पूरा साल यहां से आने जाने में बड़ी सुगमता मिलेगी.
साल 2010 में जब वह केंद्र में मंत्री थे, उन्होंने इसके जल्द निर्माण की आवश्यकता को लेकर प्रभावी ढंग से तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के समक्ष रखा था.
चूंकि इस सुरंग निर्माण का पहला सपना 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने अपने लाहुल स्पीति प्रवास के दौरान उस समय देखा था. जब वह केलांग में रात्रि विश्राम पर ठहरी थी, उस समय वहां के लोगों ने उनसे मिल कर यहां एक ऐसी सड़क निर्माण की मांग रखी थी.
वीरभद्र सिंह ने बताया कि उसी साल 1972 में इंदिरा गांधी ने यहां की भूगोलिक स्थितियों को देखते हुए रक्षा मंत्रालय को यहां से सड़क या किसी सुरंग निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने को कहा था. 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सुरंग की आधारशिला 28 जून को रखी. वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस सुरंग के चालू हो जाने से अब एक ओर जहां लाहौल स्पीति के लोगों को पूरा साल सड़क सम्पर्क की सुविधा मिलेगी, वहीं देश की रक्षा, सुरक्षा में भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी. उन्होंने इसके लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा है कि अब लाहौल स्पीति के लोगों का जीवन और भी सुगम बन जायेगा और यहां की आर्थिकी को बहुत बढ़ावा मिलेगा.
साल 1972 में पूर्व विधायक लता ठाकुर ने छह माह बर्फ में कैद रहने की समस्या से इंदिरा गांधी अवगत कराया तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा ने टनल बनाने का सपना देखा था. वर्ष 2000 को अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने मित्र टशी दावा उर्फ अर्जुन गोपाल के निमंत्रण पर जून 2000 को केलांग पहुंच रोहतांग सुरंग निर्माण की विधिवत घोषणा की थी. साल 28 जून 2010 को सोनिया गांधी ने टनल का शिलान्यास किया. टनल के लिए 1355 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया. सोनिया गांधी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 2010 में रखी थी.