आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी मरीजों के सैंपल करेंगे एकत्रित
शिमला 11 सिंतबर
चिकित्सा खंड मशोबरा में आगामी 12 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सघन मरीज खोज अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत खंड मशोबरा में क्षय रोग (टीबी) के मरीजों की घर-घर जाकर खोजबीन कर उपचार किया जाएगा। यह जानकारी खंड चिकित्सा अधिकारी मशोबरा, डॉ. राकेश प्रताप ने देते हुए बताया कि सघन टीबी मरीजों की खोज के लिए मशोबरा खंड की 115 आशा और आंगनबाड़ी की टीमें लगाई गई है, जो घर-घर जा कर क्षयरोग के मरीजों की खोज करेंगी।
डॉ.राकेश प्रताप ने खंड मशोबरा को टीबी मुक्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों के सहयोग की अपील की है। इस सर्वेक्षण में बाहरी राज्यों से आए खासकर नेपाली मजदूरों और धूल-मिट्टी क्रेशर पर काम करने वाले मजदूरों की अच्छी तरह से टीबी लक्षणों के लिए जांचा जाएगा। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को मरीज को जांचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की। यदि किसी मरीज में एक सप्ताह से अधिक खांसी की शिकायत हो, उसका वजन कम हो रहा है, भूख नहीं लग रही है अथवा बुखार आ रहा है तो ऐसी स्थिति में उनके बलगम का सैंपल लेकर स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाना है।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अनमोल राज कौंडल ने बताया कि 21 दिवसीय सघन मरीज खोज अभियान के तहत खंड माशोबरा में करीब एक लाख 61 हजार की आबादी को कवर किया जाएगा। इसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य असाध्य रोगी जो लगातार कोई दवा खा रहे हों उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने के चलते बलगम की जांच के लिए आशा कार्यकर्ता नमूने लेकर जांच की जाएगी। इस दौरान संबंधित व्यक्ति में अगर क्षयरोग पाया जाता है तो उसे घर-द्वार पर ही दवा देकर उपचार किया जाएगा।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक ने बताया कि जितने समय तक मरीज का उपचार चल रहा है इस अवधि में हिमाचल सरकार की ओर से हर टीबी मरीज को पोषण आहार के रूप में उसके खाते में प्रति माह 500 रुपये और गंभीर रूप से पीड़ित टीबी के मरीज को हर माह पोषण आहार के रूप में 2000 दिए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीज की सुविधा के लिए उसके घर पर ही दवाई और जांच का प्रबंध किया जाता है।