अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कुल्लू दशहरा उत्सव में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। वीरवार तक निमंत्रण पत्र प्रेषित कर दिए जाएंगे। हालांकि देवी-देवताओं को उत्सव से करीब एक महीना पहले ही निमंत्रण पत्र भेजे जाते थे लेकिन इस बार कोरोना महामारी के खतरे के बीच मनाए जा रहे दशहरा उत्सव के लिए अभी निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। डीसी आशुतोष गर्ग ने कहा कि एक-दो दिन में निमंत्रण पत्र प्रेषित कर दिए जाएंगे। उत्सव में कितने देवी-देवता आएंगे, यह उत्सव से करीब 4-5 दिन पहले ही पता चल सकेगा। एसडीएम के माध्यम से निमंत्रण पत्र देवी-देवताओं को दिए जाएंगे। तहसीलदार और नायब तहसीलदार देव कारकूनों को निमंत्रण पत्र देते समय यह भी सुनिश्चित करवाएंगे कि देवी-देवता उत्सव में आएंगे या नहीं।
उधर, इस बार अभी तक यह तय किया गया है कि उत्सव में देवी-देवताओं को नजराना राशि नहीं मिलेगी। उत्सव में देवी-देवताओं की आमद इस बार कम होने के पीछे यह भी कारण हो सकता है। इस बार देवी-देवताओं को उत्सव में लाने के लिए कारकूनों को देव खजाने से ही धनराशि खर्च करनी पड़ेगी। हालांकि उत्सव में देवी-देवताओं व कारकूनों को खाने, रहने, बिजली, पानी, तेल व लकड़ी सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। रथयात्रा में भी देवी-देवता भाग लेंगे और इस दौरान कोविड नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करवाते हुए कार्य होगा।
डीसी ने कहा कि उत्सव में देवी-देवताओं के बैठने के लिए प्रबंध किए जाएंगे और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोग देवी-देवताओं के एक ही स्थान पर दर्शन कर सकेंगे। उत्सव का श्रीगणेश राज्यपाल करेंगे। व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी और सिर्फ सिड्डू, खाने आदि की दुकानें ही लगेंगी। उन्होंने कहा कि उत्सव में देवताओं की अधिक आमद के लिए प्रयास किए जाएंगे। बंजार व आनी की तरफ से आने वाले देवी-देवताओं के लिए उस समय लारजी डैम के जलस्तर को कम करवाया जाएगा और रोड को खुला रखा जाएगा। कई देवी-देवता टनल से नहीं आते। देवी-देवताओं के आने-जाने केपुराने रास्तों पर रोशनी की व्यवस्था रहेगी।