सत्ता के लोभी के रूप में याद किए जाएँगे नेता प्रतिपक्ष
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा है कि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा के अन्य नेता घर में लगी आग का जश्न मनाने में लगे हैं। जयराम ठाकुर बाग़ियों का स्वागत कर रहे हैं जबकि उनकी एंट्री से नाराज़ भाजपा नेताओं ने बग़ावत कर दी है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री की कुर्सी के लालच में घर में लगी आग को अनदेखा कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में जयराम ठाकुर को लोग सत्ता के लोभी के रूप में याद करेंगे, क्योकिं लालच में आकर ही उन्होंने एक चुनी हुई सरकार को गिराने की साज़िश रची। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ही धन-बल का इस्तेमाल कर राज्य सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र किया, जोकि असफल हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में लोकप्रिय सरकार जनकल्याण के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश की जनता भाजपा नेताओं को उनके लालच का जवाब अवश्य देगी। प्रदेश की जनता अवसरवादी और धन-बल की राजनीति को किसी भी क़ीमत पर स्वीकार नहीं है।
चंद्र कुमार ने कहा कि बाग़ियों को टिकट देने से भाजपा की पूरी साज़िश जनता के सामने आ चुकी है। अब लोग जान चुके हैं क्यों भाजपा नेता ने बाग़ियों को महँगे फ़ाइव स्टार होटलों ने ठहराया, क्यों उन्हें चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टर की सैर कराई और क्यों एक महीने तक उन पर करोड़ों रुपए खर्च किए। आज बागी उस भाजपा के साथ खड़े हैं, जो युवा, महिला और हिमाचल विरोधी हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने मात्र सवा साल के कार्यकाल में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को बहाल किया। महिलाओं, अनाथ बच्चों और समाज के हर वर्ग के लिए योजनाएँ बनाई और उन्हें लागू किया। हिमाचल प्रदेश में 30 वर्ष में दूध खरीद मूल्य केवल 18 रुपये बढ़ा, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने गाय के दूध में 13 रुपए की ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपए किया, जबकि भैंस के दूध का ख़रीद मूल्य बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया। इसके साथ ही मनरेगा मज़दूरी में 60 रुपए की बढ़ौतरी की तथा प्राकृतिक खेती के गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए तथा मक्की का रेट 30 रुपए तय किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने अब तक के छोटे से कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। जबकि पिछली भाजपा सरकार ने अपने ऐशो-आराम के लिए सरकारी ख़ज़ाने का दुरुपयोग किया और हिमाचल प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेल दिया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू पूरी ताक़त के साथ हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं और उनके ईमानदार प्रयासों से ही राज्य सरकार के ख़ज़ाने में 2200 करोड़ रुपए की बढ़ौतरी हुई है।