जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी पेपर लीक मामले में अधिकारी के खिलाफ अभियोजन मंजूरी दिए जाने की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी गई है। विजिलेंस की ओर से यह फाइल पहले गृह विभाग को भेजी गई। इसके बाद इसे कार्मिक विभाग को भेजा गया। अब इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय को फैसला लेना है। इस मामले में आठ लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसमें चार आरोप न्यायिक हिरासत जबकि अन्य चार जमानत पर हैं।
21 फरवरी को आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाना है। विजिलेंस ने प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में तैनात वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को मुख्य आरोपी बनाया है। उल्लेखनीय है कि आयोग की 25 दिसंबर 2022 को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर दो दिन पहले लीक हो गया था।
जिस महिला पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि दलाल ने एक अभ्यर्थी से प्रश्नपत्र के बदले ढाई लाख रुपये मांगे। एडीजी विजिलेंस सतवंत अटवाल ने कहा कि अधिकारी के खिलाफ अभियोजन मंजूरी मिलनी बाकी है। आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए। 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 25 दिसंबर 2022 को 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी।