शिमला
हिमाचल प्रदेश की न्यायिक प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर को हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HPSLSA) का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति राज्यपाल द्वारा, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, अधिसूचना संख्या LLR-B(14)-2/2006 दिनांक 24 जुलाई 2025 के तहत की गई।
न्यायमूर्ति ठाकुर की कहानी केवल एक न्यायिक अधिकारी की नहीं, बल्कि समर्पण, विद्वता और सामाजिक चेतना से भरी हुई प्रेरक यात्रा की कहानी है। बिलासपुर जिले के लंजाटा गांव से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति ठाकुर एक शिक्षाविद परिवार से आते हैं। उनके पिता ठाकुर नारायण सिंह स्वामी राज्य की राजनीति में विधायक के रूप में सक्रिय रहे, वहीं माता गुरदेवी ठाकुर एक समर्पित शिक्षिका रहीं जो वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुईं।
शैक्षणिक दृष्टि से भी न्यायमूर्ति ठाकुर ने उत्कृष्टता की मिसाल कायम की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून (एलएल.बी.) और पत्रकारिता (बी.जे.एम.सी.) में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया और फिर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएल.एम. की डिग्री प्राप्त की। “भारत में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण” पर उनके शोध ने उन्हें कानूनी क्षेत्र में एक गंभीर और समर्पित चिंतक के रूप में स्थापित किया।
1990 में वकालत की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने राजस्व, दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक और कर मामलों में गहरी समझ के साथ वर्षों तक न्यायिक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वे राज्य के सहायक महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता और भारत सरकार के वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।
2016 में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए जाने के बाद से न्यायमूर्ति ठाकुर ने केवल फैसले नहीं सुनाए, बल्कि न्यायिक प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई संरचनात्मक सुधारों में भी भागीदारी की। वे कई न्यायिक समितियों के सदस्य और अध्यक्ष रहे, जिनमें नियुक्ति, अनुशासन, वित्त और न्यायिक अधिकारी कल्याण जैसी प्रमुख समितियाँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी की अध्यक्षता और गवर्निंग बोर्ड की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई।
अपने कार्यकाल में वे सिरमौर, ऊना, चंबा, सोलन, मंडी, कांगड़ा और शिमला जैसे जिलों के अभिसंरक्षक न्यायाधीश (Guardian Judge) भी रहे, जहाँ उन्होंने जिला स्तर पर न्यायिक व्यवस्था की निगरानी और मार्गदर्शन का कार्य किया।
न्यायपालिका से परे, न्यायमूर्ति ठाकुर समाज सेवा में भी गहरी रुचि रखते हैं। रक्तदान, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान, राष्ट्रीय स्तर के कानूनी सेमिनारों का आयोजन और ऑल इंडिया रेडियो शिमला पर बतौर उद्घोषक उनका योगदान उन्हें एक जनसेवी न्यायाधीश के रूप में स्थापित करता है।
अब, HPSLSA के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति से न केवल विधिक सेवा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों तक न्याय की पहुँच सरल, प्रभावी और संवेदनशील रूप में सुनिश्चित हो सकेगी। हिमाचल की न्यायिक प्रणाली में यह एक सकारात्मक और दूरदर्शी बदलाव माना जा रहा है।









