कोरोनाकाल के बीच हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में 15 से 21 अक्तूबर तक मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में जिले के सभी भागों से देवी-देवता शामिल होंगे। देव परंपराओं का खुले मन से स्वागत किया जाएगा लेकिन मेले में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक गतिविधियां नहीं होंगी। यही नहीं, कला केंद्र भी नहीं सजेगा। दशहरा के आयोजन को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विशेष बैठक करेंगे।
इस बैठक पर अब सबकी नजरें टिक गई हैं। अटल शिक्षा मंत्री एवं अध्यक्ष दशहरा समिति गोविंद सिंह ठाकुर ने जिला के देवी-देवताओं के समस्त कारकूनों के साथ अटल सदन में बैठक की। बैठक में गोविंद ने कहा कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। विशेषज्ञों ने अक्तूबर के दौरान तीसरी लहर की आशंका जताई है। देवताओं के प्रति लोगों की गहन आस्था है।
ऐसे भी किसी को दर्शन करने से वंचित नहीं किया जा सकता। सभी लोग जो ढालपुर मैदान आएंगे, देवताओं के दर्शन करने की उन्हें छूट होगी। कुल्लू के विधायक सुुुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव का आयोजन पूर्व की तरह ही किया जाना चाहिए। स्थानीय शिल्प कारों के उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए जाने चाहिए। बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि दशहरा के स्वरूप को अंतिम रूप देने की जरूरत है।
एक निश्चित दूरी कायम रखते हुए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए जा सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और दशहरा के आयोजन के लिए धनराशि भी जुटाई जा सकती है। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने कहा कि सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाना चाहिए। देव समागम के अलावा अन्य गतिविधियां शासन व प्रशासन नियमों के अनुसार करें।