लोकतंत्र में तानाशाही से सरकार नहीं चलाई जा सकती : जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कहलाया आंबेडकर सम्मान संपर्क अभियान
मंडी : अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर गए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि लोकतंत्र में सरकार तानाशाही तरीके नहीं अपना सकती है। सत्ता में आने के बाद ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिस तरीके का तानाशाही रवैया अपना रहे हैं वह लोकतंत्र में मंजूर नहीं है। सरकार चारों तरफ अपने आप को कर्मचारियों का हितैषी बताते नहीं थकती है लेकिन उनकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं है। जिन मुद्दों को चुनाव पूर्व कांग्रेस के नेताओं ने समर्थन दिया था, जिनके लिए चौक चौराहे पर गला फाड़–फाड़ कर चिल्ला रहे थे। सरकार में आने के बाद सब भूल गए। यहां तक कि जब लोगों ने अपनी मांगे सरकार आने पर दोहराई तो सरकार ने उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की। किसी को नौकरी से निकला, किसी को निलंबित किया तो किसी के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए। कर्मचारियों से लेकर आम जन के हितों के मुद्दों पर सरकार पूरी तरीके से बेनकाब हो चुकी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने 16 अप्रैल 2025 को हिमाचल सरकार को अपनी मांगों को लेकर पत्र भेजा था और सरकार ने वार्ता के स्थान पर आंदोलन को दबाने का प्रयास किया। जिसकी वजह से शिक्षकों में रोष बढ़ गया। आंदोलन की स्थिति में सरकार को वार्ता करनी चाहिए थी परंतु उसने प्रतिशोधात्मक कार्यवाही करते हुए राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यापकों को निलंबित कर दिया। अब सत्र शुरू हो गया है लेकिन बच्चों की शिक्षा का क्या होगा इससे सरकार को कोई मतलब नहीं है। बच्चे ही इस प्रदेश का भविष्य है और उनके भविष्य को बेहतर बनाने का काम शिक्षा करती है। लेकिन सरकार के पास शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कोई योजना नहीं है।
लोकतंत्र में लोगों की अपनी बातें रखने का अधिकार है सरकार का काम है उनको सुनना और विवेकपूर्ण विचार करना। सरकार लोगों की आवाज सुनने के बजाय 900 से ज्यादा शिक्षकों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरीके से लोगों की आवाज को दबाया जाना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। तानाशाही से लोकतंत्र में सरकार नहीं चलती है, मुख्यमंत्री को यह बात ध्यान रखनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में अपने विधानसभा क्षेत्र सराज के खनेरी और खूनागी में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान संपर्क अभियान के अंतर्गत सराज के खनेरी गांव में संपर्क अभियान के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग से संबन्ध रखने वाले प्रबुद्धजनों से भेंट की और बाबा साहेब के योगदान के बारे में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठजनों के साथ बाबा साहेब के अतुलनीय योगदानों के संबन्ध में चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि संविधान निर्माता “भारत रत्न” डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी ने दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। उनका मानना था कि सामाजिक न्याय के बिना लोकतंत्र अधूरा है। भाजपा भी इसी राह पर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के नेताओं द्वारा बाबा साहेब का सदैव अपमान किया गया। के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान की कांग्रेस नेताओं ने समय-समय पर बाबा साहेब काअपमान किया। उन्हें भारत रत्न भी तब मिला जब केंद्र में भाजपा के सहयोग से सरकार बनी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने बाबा साहेब से जुड़े स्थलों को पंच तीर्थ बनाया। जिससे बाबा साहब की धरोहर के साथ-साथ उनकी स्मृतियों का भी संरक्षण और संवर्धन किया जा सके।