राजगढ़। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय मेलों का स्तर गिराकर इन मेलों को पिंडू मेले बना दिए हैं। यह आरोप लगाते हुए सिरमौर जिला भाजपा प्रवक्ता मेलाराम शर्मा ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने सिरमौर जिला के अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का स्तर घटाकर इस मेले को भी ग्रामीण मेला बना दिया है। उन्होंने बताया कि हर साल कार्तिक की दशमी को आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किये जाने की परंपरा है परंतु इस बार मेले के उद्घाटन के लिए विधानसभा अध्यक्ष का प्रवास कार्यक्रम देखकर उन्हें हैरानी हुई है। भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि सिरमौर जिला के लोगों को रेणुका मेले के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता के लिए परंपरा अनुसार मुख्यमंत्री के आने की उम्मीद से अनेक विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाने की उम्मीद थी परंतु इस अंतरराष्ट्रीय मेले के उद्घाटन के लिए विधानसभा अध्यक्ष का प्रवास कार्यक्रम जारी होने से सिरमौर जिला के लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। परंपरा अनुसार हर वर्ष दीपावली के 10 दिन बाद लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले के अवसर पर कार्तिक की दशमी को भगवान परशुराम की शोभायात्रा की शुरुआत भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम जी की पालकी को मुख्यमंत्री स्वयं कंधा देकर करते थे जिससे मान्यता अनुसार प्रदेश सरकार और सिरमौर जिला के लोगों को भगवान परशुराम का आशीर्वाद मिलने से समृद्धि और खुशहाली के द्वार खुलते थे परंतु लोक परंपराओं को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री ने रेणुका आने से इनकार कर दिया है। इससे न केवल सिरमौर के लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है अपितु जिले की विकास योजनाओं को भी ग्रहण लग गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आह्वान किया कि अभी भी समय रहते रेणुका मेले के उद्घाटन के लिए वह स्वयं आकर इस पारंपरिक परिपाटी का निर्वहन करें वरना आज तक के इतिहास के अनुसार जब-जब भी हिमाचल का कोई मुख्यमंत्री रेणुका मेले के उद्घाटन पर नहीं आए तब तब मुख्यमंत्री की कुर्सी जाती रही। मेलाराम शर्मा ने बताया कि यदि मुख्यमंत्री स्वयं नहीं आ सकते तो उन्हें उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को इस मेले के उद्घाटन के लिए भेजना चाहिए ताकि इस अंतरराष्ट्रीय मेले की गरिमा बनी रहे। हर वर्ष इस अंतरराष्ट्रीय मेले के उद्घाटन के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सिरमौर जिले के विकास के लिए करोड़ों रुपए की योजनाओं की घोषणा की जाती है और इससे जिले के विकास को गति मिलती है परंतु सुक्खू सरकार ने तो भाजपा सरकार द्वारा इस जिले में खोले गए दर्जनों सरकारी संस्थान भी बंद कर दिए हैं जिससे सिरमौर जिला विकास के मामले में बहुत पीछे चला गया है। इस प्रकार की गतिविधियों से सुख सरकार की सिरमौर जिले के प्रति उदासीनता सब झलक रही है और यहां के कांग्रेसी नेता भी जिले के विकास के प्रति गूंगे और बहरे बनने का नाटक कर रहे हैं । उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेताओं ने इस अंतरराष्ट्रीय मेले की परंपरा को तोड़ा तो इसके उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का आयोजन भगवान परशुराम के हर वर्ष अपनी मां रेणुका से मिलने आने की परंपरा से शुरू होता है और कार्तिक एकादशी और पूर्णिमा के पवित्र स्नान के पर्व में लाखों लोग पवित्र रेणुका झील में डुबकी लगाकर स्वयं को पाप मुक्त करते हैं। अंतरराष्ट्रीय मेले में उत्तरी भारत से हर वर्ष लाखों लोग भाग लेते हैं।