शिमला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व ठियोग विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलदीप राठौर ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की। राठौर ने उन्हें ज्ञापन सौंपा व प्रदेश में बारिश व बादल फटने से हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र ठियोग में भी बारिश से भारी नुकसान हुआ है। लोगों के सेब के बागीचें नष्ट हो गए हैं। पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर केंद्र से बात करें ताकि ज्यादा से ज्यादा राहत हिमाचल को मिल सकें। शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में राठौर ने कहा कि राज्यपाल को मानसून से हुए नुकसान किसानों व बागवानों की व्यवस्था के बारे में अवगत करवाया गया है। राज्यपाल ने कहा कि मानसून से हुए नुकसान का मामला उनके संज्ञान में है। केंद्र के समक्ष उन्होंने पूरी बात रखी है, राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि दोबारा वह इस मामले को केंद्र के समक्ष रखेंगे। राठौर ने कहा कि केंद्रिय मंत्री नीतिन गडकरी अगस्त के पहले सप्ताह में हिमाचल आ रहे हैं उम्मीद है कि वह राहत कार्य करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस मौके पर दिल खोलकर हिमाचल की मदद करें। राठौर ने कहा कि सरकार ने भी केंद्र के समक्ष नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट रखी है। केंद्र की टीम भी हिमाचल आई थी। विपक्ष के आरोपों पर राठौर ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि लोगों के आंसू पोंछने का है।
एक अन्य सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि इस बार ठियोग उत्सव तीन दिन का होगा। क्षेत्र में उत्सव काफी लोकप्रिय है इसलिए दो के बजाए तीन दिन करने का निर्णय लिया है। राठौर ने कहा कि ठियोग विस क्षेत्र का वह लगातार दौरा कर रहे हैं। अधिकारी भी फील्ड में है और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिले मान सम्मान
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए प्रदेश के सैंकड़ों हजारों कार्यकर्ताओं का योगदान है। कोविड काल में भी उन्होंने सड़कों पर उतर कर काम किया। सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्जनों केस हैं। मुझ पर भी दर्जनों केस हैं। अभी तक केस ही विड्रो नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं की वजह से सत्ता में आए निश्चित तौर पर उन्हें मान सम्मान मिलना चाहिए। सत्ता में आने के बाद जो मान्यता या पहचान उन्हें मिलनी चाहिए। सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।।