हमीरपुर 19 जुलाई। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा है कि जिला में अग्निशमन से संबंधित प्रबंधों को सुदृढ़ करने के लिए अग्निशमन विभाग की टीमों एवं अत्याधुनिक उपकरणों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य सभी संसाधनों का उपयोग भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए एक समग्र एवं प्रभावी फायर सेफ्टी प्लान तैयार किया जाएगा। अग्निशमन से संबंधित प्रबंधों को लेकर बुधवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि समग्र एवं प्रभावी फायर सेफ्टी प्लान के लिए प्रथम चरण में मॉडल के रूप में एक पंचायत चिह्नित की जाएगी और उसमें अग्निशमन से संबंधित सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि इस मॉडल पंचायत में सर्वप्रथम स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विभिन्न संसाधनों जैसे प्राकृतिक जलस्रोतों, जलशक्ति विभाग के टैंकों, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, कृषि और बागवानी विभाग के माध्यम से बनाए गए व्यक्तिगत या सामूहिक टैंकों, अमृत सरोवरों और वन सरोवरों को चिह्नित किया जाएगा। आग की घटनाओं के दौरान इन सभी प्राकृतिक एवं कृत्रिम जलस्रोतों में एकत्रित पानी के उपयोग और इनसे संबंधित प्रबंधों को फायर सेफ्टी प्लान में शामिल किया जाएगा।
उपायुक्त ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, जलशक्ति विभाग, कृषि विभाग, बागवानी विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों को जिला में अपने-अपने विभागों के अधीन प्राकृतिक एवं प्राकृतिक जलस्रोतों की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए, ताकि इन्हें फायर सेफ्टी प्लान में शामिल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर पर्याप्त जलस्रोत या भंडारण टैंक उपलब्ध न होने की स्थिति में विभिन्न स्थानों पर वर्षा जल संग्रहण टैंक भी बनाए जा सकते हैं।
बैठक में एडीसी जितेंद्र सांजटा, बड़सर के एसडीएम डॉ. रोहित शर्मा, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजकुमार, जिला राजस्व अधिकारी जसपाल सिंह और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।