क्या पुराने कार्यकर्ता जो रुष्ट है को याद नहीं कर रहे अध्यक्ष 2017 का विधानसभा चुनाव हिमाचल प्रदेश में बहुत से नए समीकरण लेकर आया जिसमें सबसे बड़ा समीकरण था हिमाचल प्रदेश में धूमल गुट का कमजोर होना और नड्डा gut ऐसे में कहीं ना कहीं मजबूत हो गया ।।राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा बने तो लोग भी अधिक संख्या में जुड़ने लगे जिस में जी हजूरी करने बालो की लाइन लंबी होने लगी और जो पुराने लोग हैं वह लोग हाशिए पर जाते नजर आए और अधिक सक्रिय नजर आने लगते हैं ।।।कहीं ना कहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की छवि भी उसी तरह की है कि पुराने लोग उनके साथ लंबे समय से जुड़े रहते हैं।। लेकिन बिलासपुर जिला की बात करें तो यहां पर अब स्थितियां बदली भी नजर आने लगी है और लोगों की नाराजगी अब कई रूपों में दिखने लगी है।। यही कारण है कि बिलासपुर की राजनीति में अब कुछ लोगों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से दूरी बनाने शुरू कर दी है। इनमें महत्वपूर्ण बात यह भी है कि कुछ चेहरे तो ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने दिन-रात पार्टी के लिए नड्डा के साथ मिलकर काम किया लेकिन ऐसा भी नहीं है कि नड्डा के साथ उनकी नाराजगी है ।लेकिन स्थानीय नेतृत्व के साथ नाराजगी को पटाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं या कोई प्रयास ही नहीं किया।। उसी का यह नतीजा है कि भाजपा से जुड़े चेहरे पूर्व निर्देशक खादी बोर्ड विक्रम शर्मा ,अध्यक्ष byapaar मंडल राकेश चोपड़ा,barmana union के अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा , byapaar मंडल सदस्य अश्विनी,पूर्व प्रधान देशराज , मदनलाल ,विनयकुमारशर्मा पूर्वप्रधान,,संजू, पूर्व उपप्रधान राजेंद्र,sc मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष बिशन दास जैसे बहुत से लोगों की एक सूची है जो अब इन कार्यक्रमों से नदारद है ,,इनमें से जब कुछ लोगों से हमने बात करने का प्रयास किया तो नाराजगी कहीं ना कहीं बिलासपुर जिला के नेतृत्व से निकलकर आगे आए जहां कोई मंत्री से नाराज हैं तो कोई विधायक से नाराज है और लगातार अनदेखी के आरोप यह लोग लगा रहे हैं और इसी के साथ यह भी कह रहे हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहे तो शायद स्थितियां बेहतर हो सकती थी, लेकिन अब वह समय भी नहीं रह गया कि हम लोग पहले की तरह ढाल बनकर उनके साथ खड़े हो सके जिसका कि हमें दुख भी है।