कर्नल सुनीत शांकटा ने पर्यावरण संरक्षण में एनसीसी कैडेट्स की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
शिमला, जून 5
पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्पस) यूनिट की ओर से एनसीसी अधिकारी डीन एकेडेमिक्स डॉ. कुलदीप कुमार और एनसीसी एयर यूनिट से मेकैनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कश्यप ने वेबिनार आयोजित किया जिसके माध्यम से एनसीसी केडेट्स ने लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है। वेबिनार का विषय सतत विकास और एनसीसी की भूमिका रहा। कार्यक्रम में भारतीय सेना की ओर से हिमाचल एनसीसी ग्रुप विंग कमांडर कर्नल सुनीत शांकटा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने मुख्यातिथि कर्नल सुनीत शांकटा का कार्यक्रम में शामिल होने का धन्यवाद करते हुए छात्रों को संबोधित किया कि एनसीसी की भूमिका हमेशा आपदाकाल, प्रबंधन और अमन-सुख-चैन की सभी स्तर पर अग्रणी भूमिका रही है और हमेशा की तरह राष्ट्र सेवा व समाज सेवा में अग्रणी भूमिका रहेगी। कुलपति चौहान ने पर्यावरण संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव समाज में जितनी भी आफतें व आपदाएं आती हैं उन सबका एक ही मुख्य कारण मानव द्वारा प्रकृति व पर्यावरण से छेड़छाड़ करना और अन्धाधुन्ध वन कटाव, भूमि कटाव, जल प्रदूषण, वन्य प्राणियों की हत्या, उद्योगों का कुप्रबंधन, रसायनों का प्रयोग और अनियंत्रित आबादी। चौहान ने कहा कि कोरोना जैसी भयंकर महामारी, चक्रवात, बाढ़ और मौसम में अवांछित बदलाब व बेमौसम होना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मनुष्य प्रकृति से ले ही रहा है और बदले में प्रकृति को कष्ट पहुंचा रहा है जबकि मनुष्य को पेड़पौधों से प्रकृति को संवारना चाहिए, जल, वायु और भूमि को स्वच्छ बनाए रखना चाहिए। कुलपति रमेश चौहान ने जोर देकर कहा कि मनुष्य प्रकृति को नहीं बदल सकता अन्यथा वह आपदाएं ही लाती हैं और मनुष्य को प्रकृति का आदर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी संकट की घड़ी देश में आती है तो लोग सेना और एनसीसी से सुरक्षा की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि सेना के बाद एनसीसी आपदा काल में भी मानव संरक्षण व बचाब में आगे आती हैं। चौहान ने कहा कि हम भारतीय सेना का धन्यवाद करते हैं कि हिमाचल प्रदेश में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में एनसीसी यूनिट खोलने के लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय में इस विश्वविद्यालय को चुना। कुलपति चौहान ने जानकारी दी कि पिछले साल से विश्वविद्यालय में एनसीसी पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से चलाया जा रहा और छात्र उसमें रुचि ले रहे हैं। मुख्यातिथि कर्नल सुनीत शांकटा ने छात्रोँ को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीसी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सरहानीय भूमिका निभा रही है जिसमें युवाओं को राष्ट्र सेवा सहित मानव सेवा, समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण करने का अवसर प्राप्त होता है और उनमें कुछ बेहतर करने का जज्बा प्रेरित होता है। कर्नल शांकटा ने कहा कि सभी शिक्षा संस्थानों में एनसीसी यूनिट स्थापित होनी चाहिए ताकि होनहारों को राष्ट्र भक्ति, राष्ट्र-रक्षा और मानव सेवा के लिए प्रेरित करें और उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर करियर विकल्प भी उपलब्ध हों। उन्होंने शिमला क्षेत्र के युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि शिमला के आस-पास कहीं युवाओं को एनसीसी से जुड़ने का विकल्प और संस्थान उपलब्ध नहीं जो एनसीसी यूनिट को उच्च शिक्षा संस्थान में सुचारू रूप से चला सके और युवाओं को एनसीसी की भूमिका बारे बताए, इसलिए इसके लिए स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय को यह एनसीसी यूनिट चलाने का मौका मिला। कर्नल सुनीत शांकटा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में स्थापित एनसीसी यूनिट अच्छा काम कर रही है। कर्नल शांकटा ने कहा कि जागरूकता अभियान में एनसीसी कैडेट्स की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि किसी भी उद्देश्य को पूरा करने में एनसीसी सक्षम है चाहे किसी भी संकट या आपदा से निपटना हो या पर्यावरण प्रदूषण से सभी क्षेत्रों में आर्मी की तरह काम करती है। कार्यक्रम के दौरान एपीजी विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स के छात्रों जिनमें राहुल कुमार तिवारी, ज्योति, टेंगफु और वांगपन ने कविता संगोष्ठी, भाषण के माध्यम से जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। वहीं कार्यक्रम में डीन एकेडेमिक्स डॉ. कुलदीप कुमार ने कविता पाठ के माध्यम से पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया और पर्यावरण दिवस मनाने का महत्व बताया जबकि डॉ. कमल कश्यप ने पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। अस्सिस्टेंट प्रो. भारती नांटा इस कार्यक्रम की समन्वयक रहीं।
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स छात्रों ने पर्यावरण बचाने का दिया संदेश
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