हिमाचल प्रदेश में अब नाबालिग द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर अभिभावक या वाहन मालिक को भी दोषी माना जाएगा। उन्हें 25,000 रुपये का जुर्माने के साथ तीन साल की सजा हो सकती है। नाबालिग पर जुबेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मुकदमा होगा तथा संबंधित वाहन का पंजीकरण भी निरस्त होगा।
शिमला में मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्ष में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश में नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू कर दिया गया। प्रदेश में एक्ट के सभी प्रविधान न्यूनतम स्तर पर लागू होंगे, यानी अलग-अलग अपराध के लिए जुर्माना राशि नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन कम भी नहीं की गई है। जो प्रविधान केंद्र ने किए हैं, उन्हें अधिकतम की जगह न्यूनतम को अपनाया है।
सरकार का दावा है कि एक्ट सड़क हादसों को रोकने में कारगर होगा। मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 210-ए के तहत दंड/जुर्माने को संशोधित करने के प्रस्ताव के साथ-साथ अधिनियम की धारा-200 के तहत कंपाउंड अपराधों में सक्षम अधिकारियों को जुर्माना लगाने के शक्तियों में संशोधन की भी मंजूरी प्रदान की। इस एक्ट के लागू होने से जुर्माने में दस गुणा तक का इजाफा हो सकता है। इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो बार प्रस्ताव सरकार को भेजे थे।