नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के कर्मचारी कल मुख्यमंत्री सुक्खू से मिलने विधानसभा आएंगे। 24 सालों से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम कर रहे कर्मचारी रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं। 1700 के करीब कर्मचारी कई बार पूर्व भाजपा सरकार और अभी की कांग्रेस सरकार से मांग कर चुके हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वह 24 सालों से पूरी ईमानदारी के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। फिर भी हमारा फ्यूचर सुरक्षित नहीं है।
अनुबंध कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि कल एक डेलिगेशन मुख्यमंत्री से मिलेगा। चेयरमैन राजीव राणा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले भी CM सुक्खू और हेल्थ मिनिस्टर धनीराम शांडिल से मिले हैं। इसके बाद सरकार ने मणिपुर राज्य की तर्ज़ पर NHM कर्मचारी की फाइल को पेश करने के आदेश विभाग को जारी किए। इससे कर्मचारी में उम्मीद की किरण जगी है।
सतीश कुमार ने कहा कि 24 वर्षों से विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की अभी तक किसी भी सरकार ने सुध नहीं ली। यह पहली बार हुआ, जब सरकार द्वारा इन कर्मचारियों की भावनाओं को समझा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने के लिए फर्स्ट प्राइज मिला। इसमें स्वास्थ्य विभाग में ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश स्तर पर एवं हर स्वास्थ्य संस्थान में रीढ़ की हड्डी की तरह कार्य करने वाले हर उस कर्मचारी का योगदान है, जो पिछले 24 सालों से काम कर रहा है।
NHM कर्मचारी 54 कैटेगरी में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शैक्षणिक एवं तकनीकी तौर पर पूरी तरह सक्षम होने के बावजूद वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।