अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि NIT हमीरपुर की रैंकिग में इस वर्ष दोगुना तक कि गिरावट आई है जो प्रदेश के लिए निराशाजनक विषय है। इस सारे प्रकरण को समझने की कोशिश की जाए तो इसमें यह देखने को मिलता है कि किसी भी शिक्षण संस्थान की रैंकिग का पैमाना संस्थान में शोध कार्य कितना हुआ शिक्षण संस्थान में शिक्षकों की भर्तियां व उनकी पात्रता क्या है व संस्थान में वर्ष भर में क्या नया विकास आधारित कार्य हुआ है उस आधार पर शिक्षण संस्थानों को रैंकिग मिलती है।
जिसमे NIT हमीरपुर 13वे स्थान से नीचे गिरकर 98वे नंबर पर आ गया है । राहुल राणा ने कहा कि पिछले एक वर्ष के भीतर हुई शिक्षक भर्ती जो बिल्कुल नियमों की धज्जियां उड़ा कर गई है फिर चाहे NIT के मुखिया के गृह क्षेत्र से लगभग 70% तक नियुक्तियों की बात हो यह करीबी रिश्तेदारों की नियुक्ति करने की बात हो वहीं जितनी भी नियुक्तियों पिछले एक वर्ष के भीतर हुई हैं वह एक जभाई भतीजावाद विशेष के आधार पर हुई है । Assistant prof(RESERVED) ग्रेड -2 की भर्ती में NIT ACT के अनुसार रेगुलर भर्ती के लिए grade pay 8000 य इससे ऊपर होना जरूरी है जबकि 6 और 7000 grade pay वाले 31 लोगो को रेगुलर asst prof भर्ती कर लिया गया । इसके साथ ही ग्रेड-1 astt prof की भर्ती में अनुबन्ध अनुभव को रेगुलर अनुभव मानकर 6 astt prof को भर्ती कर लिया गया । इस आधार पर नियुक्तियां director साहब ने अपनी चहितो को नोकरी देने के लिए की ।
इस वक़्त केबल NIT की रैंकिग का गिरना ही चिंताजनक नही बल्कि NIT जैसा शिक्षण संस्थान वर्तमान में व्यापक रूप भ्र्ष्टाचार का अड्डा बन हुआ है यह चिंताजनक विषय है उसकी कारण आज NIT की रैंकिंग 2016 में 51वे 2017 में 59वे 2019 में 60वे स्थान से गिर कर 2020 में 98वे तक पहुंच गई है जिस कारण NIT में शिक्षा ले रहे लगभग 8 हज़ार शिक्षार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है इस मोके पर राहुल राणा ने कहा कि ऐसे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस भर्ती घोटाले की CBI जांच की मांग करती है वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय से यह मांग करती है कि NIT हमीरपुर के director को तुरन्त बर्खाश्त किया अन्यतः विद्यार्थी परिषद सामान्य परिस्तिथि होने पर प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी ।