इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला का आइसोलेशन वार्ड कोरोना पॉजिटिव मरीजों से भर गया है। अस्पताल में स्थिति यह बन गई है कि अब किसी भी मरीज को दाखिल नहीं किया जा सकता है। अस्पताल में 82 बिस्तर कोविड पॉजिटिव मरीजों से भर चुके हैं। इसके बाद अब किसी भी मरीज के दाखिल करने की गुंजाइश डॉक्टरों के पास नहीं है। अब अस्पताल प्रबंधन ने अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलावा जिलेभर से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बेवजह रेफर न करने का आग्रह किया है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) के इस निर्देश से अन्य मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में हड़कंप मचा हुआ है। शहर के अलावा पूरे प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। लिहाजा अन्य इंतजाम न होने से अब आईजीएमसी प्रबंधन के हाथ खड़े हो गए हैं। दूसरी ओर 18 बिस्तर वाला मेक शिफ्ट अस्पताल बनने में भी करीब 2 से 3 सप्ताह का समय लग जाएगा। इसके चलते पॉजिटिव आए मरीजों के लिए आफत शुरू हो गई है।
उच्च अधिकारियों को कर दिया सूचित : डॉ. पठानिया
आईजीएमसी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड कोविड पॉजिटिव मरीजों से भर चुका है। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी है।
बेवजह रेफर कर रहे हैं मेडिकल कॉलेज
आईजीएमसी प्रबंधन का कहना है कि पूरे प्रदेश से कोरोना संक्रमित मरीजों को यहां रेफर किया जा रहा है। इनमें वह मरीज भी शामिल हैं जिनकी स्थिति गंभीर नहीं है, लिहाजा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में इनकी सही से देखरेख की जा सकती है। लेकिन प्रदेशभर के मरीजों का भार आईजीएमसी पर थोपा जा रहा है। नाहन, सोलन मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर समेत अन्य जगहों से मरीज यहां शिफ्ट किए जा रहे हैं। यही वजह है कि अस्पताल मरीजों से भरे चुके हैं।
गौरतलब है कि आजकल शिमला शहर सहित जिलेभर से लगातार 150 से 200 मामले हर दिन आ रहे हैं पिछले कल 204 पॉजिटिव मामले थे और आज दिन के कोरोना बुलेटिन के मुताबिक आईजीएमसी में 6 मौत हो चुकी है और शिमला में 27 पॉजिटिव मामले आ चुके है और मामले आने का क्रम जारी है