सुजानपुर के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा है कि एक तरफ कोरोना महामारी के इस दौर में लोग देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के टोटे से त्रस्त हैं। कहीं ऑक्सीजन नहीं मिल रही तो कहीं अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे लेकिन सरकार लोगों को राहत देने की बजाय महंगाई बढ़ाने में व्यस्त और मस्त है।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि देशवासियों को इस महामारी के दौर में सरकार की तरफ से भी कोई राहत भरी खबर नहीं मिल रही बल्कि सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाए जाने से महंगाई का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है और खाद्यान्न वस्तुओं आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार की उदासीनता की मार समाज के हर वर्ग पर पड़ रही है। कोरोना महामारी के इस दौर में लाखों लोग अपनी नौकरियां गवा चुके हैं। सरकारी कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की किशतें पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ी है और ऊपर से महामारी के नाम पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर कैंची चलाई जा रही है। छोटे दुकानदारों , रेहड़ी फड़ी वालों , टैक्सी वालों और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कारोबार ठप होने से इन लोगों के लिए अपने परिवार का पेट पालना अत्यंत मुश्किल होता जा रहा है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि इस कठिन समय में भी किसान सड़क पर है और अन्नदाता की पीड़ा से भी सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं। अच्छे दिन लाने की दुहाई देने वाली मोदी सरकार ने आम आदमी का गुजर-बसर करना मुश्किल बना दिया है। देश की जनता को महंगाई से राहत देना तो दूर की बात रही, आए दिन मोदी सरकार पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाती जा रही है। उन्होंने कहा ऐसा लगता है जैसे महंगाई बढ़ाना और जुमलेबाजी करना ही सरकार का एकमात्र लक्ष्य रह गया है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि मोदी सरकार देश के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे असंवेदनशील और निकम्मी सरकार साबित हुई है। देश के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने की बजाए इस सरकार ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को ही प्राथमिकता दी है, जिसके लिए देश कभी उन्हें माफ नहीं करेगा।