सीएचसी में चिकित्सकों के पद भरने की स्थानीय पंचायत ने की मांग
षिमला 31 मई । बीते करीब छः मास से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटी में चिकित्सक न होने से अस्पताल आने वाले रोगियों को भारी परेषानी पेष आ रही है । रोेगियों को अपने उपचार के लिए जुन्गा अथवा षिमला जाना पड़ रहा है । चिकित्सक के नाम पर अस्पताल में एक दंत चिकित्सक हैं । आलम यह है कि अस्पताल में दांतों के निकालने व उपचार के लिए उपकरण उपलब्ध नहीं है ।
अध्यक्ष प्रधान परिषद एवं स्थानीय पंचायत प्रधान रमेष शर्मा ने बताया कि सरकार ने अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर सीएचसी कर दिया परंतु सुविधाओं के नाम पर अस्पताल में कोई सुविधाएं नहीं है । इस अस्पताल में आसपास की पांच पंचायतों के लोग उपचार करने आते हैं । उन्होने बताया कि अस्पताल में काफी अरसे से चिकित्सक के दो पद रिक्त पड़े है । अस्पताल मंे प्रतिदिन औसतन 50 से 60 रोगी ओपीडी में आते है पंरतु चिकित्सक न होने से रोगियों को निराष लौटना पड़ता है । उन्होने बताया कि क्षेत्र में यदि अचानक कोई घटना घट जाती है तो इस अस्पताल में फर्स्ट एड के लिए भी सुविधा उपलब्ध नहीे है ।
प्रधान रमेष शर्मा ने बताया कि बीते वर्ष चायल कोटी के भवन के उद्घाटन करने आए सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सीएचसी कोटी में 108 एंबुलेंस और इनडोर रोगियों के लिए दस बिस्तरों की व्यवस्था करने की घोषणा की थी परंतु करीब आठ महीने बीत जाने के बाद भी सीएम की घोषणाएं कोरी साबित हुई । बता दें कि कसुपंटी विस के जुन्गा क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा 108 उपलब्ध नहीं है ।
प्रधान रमेष षर्मा, उप प्रधान राजाराम , पवन षर्मा, नवीन ठाकुर, अरविंद षर्मा और सुरेन्द्र वर्मा ने सरकार से अस्पताल में चिकित्सक के पद भरने की मांग की है ।
खंड चिकित्सा अधिकारी मषोबरा डॉ0 संजय रनोत ने बताया कि पीएचसी जटोली के चिकित्सक को अपने कार्य के अतिरिक्त सीएससी कोटी में डेपुटेषन पर आदेष किए गए हैं । चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए मामला उच्चाधिकारियों के साथ उठाया गया है ।