ऊना,1अप्रैल
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर से 35 हजार रुपये रिश्वत लेते विजिलेंस ने हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीपीसीबी) के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी को परवाणू में रंगे हाथ दबोचा है। उक्त अधिकारी अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए सहमति पत्र के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। विजिलेंस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी विजिलेंस ऊना अनिल मेहता ने बताया कि ऊना के एक निजी अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया। इसके लिए हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आवश्यक सहमति पत्र की जरूरत थी।
प्लांट के लिए फीस व अन्य औपचारिकताएं पूरी की गई थीं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सेंट्रल लैब परवाणू सोलन के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी तेज बहादुर सिंह निवासी उत्तराखंड ने सहमति पत्र के लिए 35 हजार रुपये रिश्वत मांगी। डॉक्टर ने विजिलेंस को शिकायत की। विजिलेंस ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया, जिसमें उक्त अधिकारी फंस गया और उसे कार्यालय में ही रंगे हाथ रिश्वत के रुपये लेते हुए पकड़ लिया। टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर संजीव कुमार मामले की जांच कर रहे हैं। आरोपी शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।