लेखिका व समाजसेवी रावी पंधेर ने साझा किया अपने दिल का सफर
चंडीगढ़, 19 मई
समाजसेवी और भावुक लेखन की धनी रावी पंधेर द्वारा रचित भावनात्मक कविता संग्रह *‘‘ईकोज़ ऑफ़ द सोल’’* का विमोचन समारोह बीते दिवस चंडीगढ़ के लोकप्रिय *बेज़ कैफे* में बड़े ही उत्साह और गरिमापूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। साहित्य प्रेमियों, युवा पाठकों और मीडिया प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह आयोजन एक प्रेरणास्पद साहित्यिक संध्या में परिवर्तित हो गया।
स्टेज पर आगमन के समय उपस्थित जनसमूह ने रावी पंधेर का गर्मजोशी से तालियों के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत में लेखिका ने अपनी काव्य-यात्रा के भावुक पड़ावों को साझा किया और बताया कि किस प्रकार *बीते वर्षों के अनुभवों ने उनकी कविताओं को जन्म दिया*। रावी पंधेर द्वारा संग्रह से कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ किया गया, जिन्हें श्रोताओं ने एकटक सुनते हुए आत्मसात किया। उनके शब्दों में सजी संवेदनाएं श्रोताओं के दिलों तक गूंजती रहीं।
*‘‘ईकोज़ ऑफ़ द सोल’’ केवल एक कविता संग्रह नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है, ऐसा संदेश इस समारोह में हर उस व्यक्ति ने महसूस किया जो भावनाओं से जुड़ाव रखता है। पुस्तक विमोचन के उपरांत आयोजित **विचार-विमर्श और प्रश्नोत्तर सत्र* में लेखिका ने न केवल अपने लेखन की प्रक्रिया को साझा किया, बल्कि श्रोताओं के सवालों का आत्मीयता से उत्तर देते हुए उनके साथ एक भावनात्मक संवाद भी स्थापित किया।
कार्यक्रम के दौरान साहित्य, जीवन और संवेदनाओं से जुड़े विषयों पर चर्चा होती रही। अंत में *बुक साइनिंग सेशन* के माध्यम से पाठकों को रावी पंधेर से व्यक्तिगत रूप से मिलने, पुस्तक पर हस्ताक्षर लेने और अपनी भावनाएं प्रकट करने का अवसर मिला।
इस अवसर पर रावी पंधेर ने अपने *परिवार, प्रकाशक, पाठकों और शुभचिंतकों का दिल से आभार व्यक्त* किया और कहा कि – “यह संग्रह मेरी आत्मा की आवाज़ है, जिसे अब आप सब तक पहुँचाने का सौभाग्य मिला है।”
यह आयोजन न केवल एक पुस्तक विमोचन था, बल्कि एक *साहित्यिक आत्म-संवाद* का जीवंत प्रमाण था, जिसमें हर उपस्थित व्यक्ति ने भावनाओं की लहरों में डूबकर साहित्य के प्रति अपने प्रेम को फिर से जीवंत किया।