शिमला के कृष्णानगर वार्ड में भूस्खलन के कारण मची तबाही के बाद अब संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। वार्ड के स्लॉटर हाउस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की तैयारी है। यहां स्लॉटर हाउस के मलबे में दर्जनों बकरों और मुर्गियों के दबने से भारी दुर्गंध फैल गई है। हालत यह है कि कृष्णानगर वार्ड के निचले इलाकों में लोगों को घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
दुर्गंध इतनी ज्यादा फैल चुकी है कि कई परिवारों ने मकान खाली भी कर दिए हैं। नगर निगम ने भी इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए उपायुक्त शिमला को पत्र लिखा है। कंटेनमेंट जोन घोषित होते ही इस क्षेत्र में आवाजाही बंद कर दी जाएगी। साथ ही इस क्षेत्र से 500 मीटर के दायरे में आने वाले निचले इलाकों में पानी के सभी स्रोतों का इस्तेमाल बंद करवाया जा रहा है।
नगर निगम प्रशासन के अनुसार मलबे के नीचे दबे जानवरों के शवों से संक्रमण फैल सकता है। बारिश से यहां का पानी निचले इलाकों में जा रहा है। इससे जानवरों को होने वाले संक्रमण इंसानों में फैल सकता है। लोगों ने कहा कि नगर निगम को इस बारे जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए।
कृष्णानगर वार्ड से पार्षद बिट्टू कुमार शुक्रवार को उपायुक्त आदित्य नेगी से मिले और ज्ञापन सौंपा। कहा कि इस क्षेत्र में दुर्गंध के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लोगों को घर खाली करने पड़ रहे हैं। दुर्गंध इतनी ज्यादा फैल चुकी है कि वार्ड के निचले इलाकों में महामारी फैल सकती है। ऐसे में यहां मलबे को हटाया जाए।
नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतन चौहान ने शुक्रवार को इस क्षेत्र में टीमें भेजकर यहां केमिकल स्प्रे भी करवाया जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके। मौके पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया है। अब तक तीन बार यहां छिड़काव किया जा चुका है। शिव बावड़ी समरहिल में भी इसका छिड़काव किया जा रहा है। संयुक्त आयुक्त भुवन शर्मा ने बताया कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए कदम उठाए जा रहे हैं।