हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव में भाजपा की चारों सीटों पर हुई हार पर हाईकमान ने अपनी रिपोर्ट तलब कर ली है। इसी के साथ ही प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अब प्रत्याशियों और मंडल अध्यक्षों को अपनी रिपोर्ट देने को कह दिया है कि उनके क्षेत्रों में किसने भितरघात किया है और किन-किन कारणों से हार हुई है। भाजपा के राज्य प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप को इनसे रिपोर्ट लेने के निर्देश दिए हैं।
पहले प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में इस संबंध में चर्चा होगी। उसके बाद भितरघातियों की सूची और हार के अन्य कारणों का पता लसगाया जाएगा। सूत्रों की माने तो केंद्रीय सरकार हिमाचल में सरकार और संगठन पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
भाजपा की मंडी लोकसभा सीट सहित तीनों विधानसभा सीटों अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई में उपचुनाव में हार हुई है। इससे सत्तासीन भाजपा को गहरा झटका लगा है। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लक्षित कर भाजपा अब इस हार की समीक्षा करेगी। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी भितरघात, महंगाई जैसे कारणों पर हामी भर चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार चार सीटों का नजला अब हिमाचल प्रदेश सरकार और संगठन में बैठे कई नेताओं पर गिर सकता है। इसी क्रम में भाजपा हाईकमान ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व से रिपोर्ट ले ली है। केंद्र को रिपोर्ट सौंपने से पहले भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप को निर्देश दिए हैं कि वे उन तमाम लोगों से रिपोर्ट ले लें, जो चुनाव से संबद्ध रहे हैं।
इनमें भाजपा के प्रत्याशियों और मंडल अध्यक्षों को विशेष रूप से पूछा जा रहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में हार के क्या कारण मानते हैं। इससे स्पष्ट है कि भाजपा प्रत्याशियों ब्रिगेडियर कुशाल चंद, अर्की से प्रत्याशी रतन पाल सिंह, जुब्बल-कोटखाई से नीलम सरैईक और फतेहपुर से बलदेव ठाकुर को पूछा जा रहा है कि वे हार के कारण क्या मानते हैं।