पशुपालन विभाग ने गोबर खरीद के लिए अभी से कसरत शुरू कर दी है। हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से गोबर खरीद को लेकर अभी किसी तरह के आदेश जारी नहीं हुए हैं। विभाग ने मुख्यमंत्री के गृह जिला में ऐसे किसानों को आइडेंटिफाई करना शुरू कर दिया है, ताकि भविष्य में अगर गोबर खरीद को लेकर कोई योजना बनती है, तो उसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके। पशुपालन विभाग हमीरपुर ने गोबर खरीद के लिए कलस्टर लेवल पर कमेटियां गठित कर दी हैं, ताकि गोबर बेचने वाले किसानों की पहचान की जा सके। बता दें कि प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के किसानों से गोबर दो रुपए किलो के हिसाब से खरीदने की घोषणा की है।
इस पर प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक कोई लिखित में आदेश जारी नहीं हुए है, लेकिन पशुपालन विभाग हमीरपुर ने हमीरपुर जिला में ऐसे किसानों को सिलेक्ट करना जरूर शुरू कर दिया है। विभाग ने कलस्टर लेवल पर कमेटियां गठित की है, जो कि गांव-गांव जाकर ऐसे किसानों का डाटा तैयार कर रही हैं, जोकि गोबर बेचने के इच्छुक हैं। हमीरपुर जिला में अब तक 466 किसानों ने गोबर बेचने के लिए हामी भरी है। विभाग ने इन किसानों के नाम पशुपालन निदेशालय शिमला को भेज दिए है, जबकि जिला में गोबर बेचने वाले किसानों का डाटा तैयार करने का दौर अभी भी जारी है। ऐसे में पशुपालन विभाग प्रदेश सरकार की गांरटी को मुकम्मल करने में पहले से ही जुट गया है।
पशुपालन विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक डा. मनोज कुमार ने बताया कि पशुपालन विभाग हमीरपुर जिला के ऐसे किसानों का डाटा तैयार कर रहा है, जो कि गोबर बेचने के इच्छुक है। इसके लिए विभाग ने कलस्टर लेवल पर कमेटियां गठित की हैं, जो कि गांव-गांव जाकर ऐसे किसानों का डाटा तैयार कर रही है, जो गोबर बेचने के लिए तैयार है। हमीरपुर जिला में पहले चरण में 466 किसानों ने गोबर बेचने में हामी भरी है। इन किसानों का डाटा पशुपालन निदेशालय को भेज दिया है।