हिमाचल प्रदेश के एक शिक्षक को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल केहलोग, कंडाघाट जिला सोलन के प्रिंसिपल कमल किशोर शर्मा को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को 5 सितंबर को सम्मानित किए जाने वाले 44 शिक्षकों की सूची जारी की है।
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए तीन शिक्षकों का पैनल भेजा था। पैनल में प्रिंसिपल कमल किशोर शर्मा के अलावा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कंदरौर जिला बिलासपुर के प्रवक्ता कॉमर्स डॉ. रमेश चंद शर्मा और हमीरपुर के सीएचटी जोगेंद्र शर्मा का नाम शामिल था।
उधर, राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रदेश भर से प्राप्त हुए 51 आवेदनों की छंटनी जारी है। 24 अगस्त तक नाम सरकार के पास पहुंचेंगे। 5 सितंबर को 27 शिक्षक सम्मानित होंगे। इनमें से 24 का चयन आवेदनों के आधार पर होगा। तीन शिक्षकों का चयन सरकार स्वयं करेगी।
पिछले 70 वर्षों से कंडाघाट के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कल्होग का अपना भवन तो था, लेकिन जमीन स्कूल के नाम नहीं थी। इस वजह से कोई भी निर्माण करना मुश्किल था। दिलचस्प यह है कि इस जमीन के 152 हिस्सेदार थे। प्रधानाचार्य कमल किशोर शर्मा ने जमीन को दान करने वाले इन हिस्सेदारों में से करीब 25 लोगों के घर-घर जाकर जमीन स्कूल के नाम करवाई।
उनकी ऐसी ही कई उपलब्धियों का परिणाम है कि कमल किशोर को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिलने जा रहा है। उन्हें अध्यापक दिवस के दिन पांच सितंबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के दौरान यह पुरस्कार मिलेगा। मंगलवार को राष्ट्रीय अवार्ड के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी हुई। इसमें प्रदेश से तीन अध्यापकों के नाम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भेजे थे। प्रधानाचार्य कमल किशोर ने कोविड के बीच सराहनीय कार्य किए हैं।
कोविड काल में विद्यार्थियों के घर-घर पहुंचकर ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में पूछताछ की। साथ ही साधुपुल क्वारंटीन सेंटर में रात-दिन कोविड रोगियों की सेवा की। स्कूल के विकास के लिए फंड एकत्रित किया। उनकी इस उपलब्धि पर शिक्षा उपनिदेशक उच्च शिक्षा जगदीश नेगी, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक रोशन जसवाल, डाइट सोलन के प्रिंसिपल चंद्रमोहन शर्मा ने बधाई दी है। उधर, रावमापा कल्होग के प्रधानाचार्य कमल किशोर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनके नाम के चयन से खुशी है। उन्होंने कहा कि मेरा जीवन शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए समर्पित है।