शिमला : हिमाचल में एक बार फिर से निजी बसों के पहिए थमने पर आ सकते हैं और लोगो को काफी दिक्कत हो सकती हैं। प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर, महासचिव रमेश कमल व उपाध्यक्ष वीरेंदर गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी बस ऑप्रेटर्ज की मांगों को लेकर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। सरकार की बेरुखी के कारण प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज अपने आपको ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। ऐसी बेरुखी के कारण प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज दोबारा से संघर्ष का रास्ता अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के आश्वासन के बावजूद प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटरों ने जनता की सेवा के लिए बसों को रूट परमिट पर चलाया जबकि निजी बस ऑप्रेटर्ज अपनी बसें चलाने में सक्षम नहीं थे। जब सरकार ने 50 प्रतिशत टैक्स माफ किया तो उसके बाद मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि 50 प्रतिशत जो टैक्स माफ किया गया है, उसको स्वीकार करें और निकट भविष्य में निजी बस ऑप्रेटर्ज की और मांगों पर भी विचार किया जाएगा और आश्वासन दिया था कि 100 प्रतिशत टैक्स माफ किया जाएगा। ऑप्रेटरों ने आरोप लगाया कि सरकार ने 50 प्रतिशत टैक्स माफ किया है लेकिन उसमें भी जुर्माना लिया जा रहा है और टैक्स की राशि बढ़कर 75 से 80 प्रतिशत हो रही है, जोकि तर्कसंगत नहीं है।
बस ऑप्रेटरों ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के पदाधिकारी परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर से मिले और उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री निजी बस ऑप्रेटर्ज के हित में कोई बड़ी घोषणा करेंगे, जिसमें कि 100 प्रतिशत टैक्स माफ करने की घोषणा भी हो सकती है लेकिन प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटरों के हित में कोई भी घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा नहीं की गई, जिससे प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटरों में रोष व्याप्त है।
निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि यदि 31 अगस्त तक प्रदेश सरकार द्वारा निजी बस आप्रेटरों को दिए गए आश्वासनों पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया तो निजी बस ऑप्रेटर्ज संघर्ष का बिगुल बजाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑप्रेटर सरकार से अपना हक मांग रहे हैं। जब सरकार परिवहन निगम को अरबों रुपए की राहत दे रही है तो निजी बस ऑप्रेटरों का यह हक भी बनता है। उन्होंने कहा कि 15 दिन के अंदर सरकार ने अगर निजी बस ऑप्रेटरों के हित में कोई फैसला नहीं किया गया तो 1 सितम्बर से निजी बस ऑप्रेटर हड़ताल पर चले जाएंगे।