एससी-एसटी छात्रवृति स्कीम के तहत पढ़ रहे विद्यार्थियों को उनके असली दस्तावेज रोकने के आरोपों में फंसी ऊना की निजी यूनिवर्सिटी के मामले में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग हरकत में आ गया है। आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए हिमाचल सरकार को नोटिस जारी कर तुरंत विद्यार्थियों के असली दस्तावेज जारी करवाने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर यह कार्रवाई की है। बता दें, कई माध्यमों से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत मिली थी कि निजी यूनिवर्सिटी द्वारा एससी एसटी विद्यार्थियों के जाति, आय, बोनाफाइड प्रमाणपत्र, 10वीं व 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक आदि रोक लिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी ने ऐस इसलिए किया क्योंकि कई कोर्सों में एससी-एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस नहीं जमा कराई थी। मामले में सांपला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एससी एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत दाखिल किसी भी दलित विद्यार्थी के असली दस्तावेज रोकना न सिर्फ गैर कानूनी है बल्कि एक अपराध है जिसके लिए दोषी यूनिवर्सिटी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
मामले में आयोग ने हिमाचल के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक व दिव्यांग विभाग, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के सचिव एवं इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से 15 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है।