राधाष्टमी पर बड़े स्नान के साथ ही पवित्र मणिमहेश यात्रा का मंगलवार को समापन हो गया। मंगलवार दोपहर एक बजकर 10 मिनट तक शुभ मुहूर्त था। इसके साथ ही चरपटनाथ, दशनामी अखाड़ा और संचूई के शिव चेले डल से वापस अपने स्थलों को निकल आए। देर शम तक उनके भरमौर पहुंचने की उम्मीद है।
वहीं, सोमवार को पवित्र डल में डुबकी लगाकर मणिमहेश रुकने वाले श्रद्धालु भी मंगलवार को भरमौर लौट आए। श्रद्धालुओं के साथ ही मणिमहेश यात्रा के लिए तैनात कर्मचारी भी लौटना शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा पर हर वर्ष देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में शिवभक्त पवित्र डल में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं।
इसी क्रम में राधाष्टमी के मौके पर भी बड़े शाही स्नान को लेकर सैकड़ों शिवभक्तों ने शुभ मुहूर्त में पवित्र डल में डुबकी लगाई। कोरोना के चलते बीते दो वर्षों से मणिमहेश यात्रा महज रस्मों तक ही सीमित होकर रह गई है। रस्मी अदायगी के साथ ही मंगलवार को पवित्र मणिमहेश यात्रा दोपहर बाद अधिकारिक तौर पर भी संपन्न हो गई। यात्रा पर चुनिंदा लोगों को ही प्रशासन ने हिदायत देकर अनुमति प्रदान की थी।