हमीरपुर
पूंजीवाद के एजेंडे पर चली बीजेपी कर रही है पूंजीपतियों की पैरवी
प्रदेश के छोटे ठेकेदारों को किया दरकिनार………………..
समाज में आर्थिक असमानता व पूंजीवाद को बढ़ावा देने के एजेंडे पर काम करते हुए अब बीजेपी सरकार ने सरकारी बजट को हथियार बनाया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने बताया कि बीजेपी के इस खतरनाक इरादे व एजेंडे के चलते जहां एक ओर अमीर और अमीर होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गरीब और गरीब हो कर कंगाली के दलदल में धसा जा रहा है। जिस से जहां एक ओर बेरोजगारी को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी ओर समाज में अराजकता फैलने का खतरा भी लगातार मंडराता जा रहा है। राणा ने कहा कि उन्हें विभागीय सूत्रों व वर्ग विशेष से मिली फीडबैक के मुताबिक जल शक्ति विभाग के जल जीवन मिशन योजना के तहत अकेले हमीरपुर जोन में 500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। जबकि वर्ष 2022-23 के लिए 164 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाएं सेंक्शन हुई हैं। पूंजीवाद को बढ़ावा देने के एक सूत्रीय एजेंडे के तहत अब बीजेपी सरकार ने विभाग को बड़े टेंडर लगाने के फरमान दिए हैं। हालांकि यह फरमान मौखिक हैं या लिखित इसकी जानकारी बाहर नहीं आ सकी है। लेकिन यह जरूर है कि प्रदेश के बाहर की बड़ी कंपनियों को काम देने के लिए पूंजीवाद के एक सूत्रीय एजेंडे पर सरकार काम कर रही है। सरकार की इस नीति व नियत में खोट होने के कारण प्रदेश भर के हजारों छोटे ठेकेदार बेरोजगार होकर मारे-मारे फिर रहे हैं लेकिन सरकार प्रदेश के बाहर से लाई गई बड़ी कंपनियों को नीति विशेष के तहत काम दे रही है। जिससे छोटी ठेकेदारी से रोजगार हासिल करने वाले लोग प्रदेश में पहले से मौजूद लाखों बेरोजगारों की फौज में शुमार हो गए हैं। राणा ने कहा कि समझ यह नहीं आ रहा है कि बीजेपी को प्रचंड बहुमत देने वाली प्रदेश की जनता के हितों की पैरवी करने की बजाय पूंजीपतियों के हितों को किस कारण से पोषित कर रही है। चर्चा यह भी है कि सरकारी बजट के दम पर चले इस खेल में बाहर प्रदेशों की बड़ी कंपनियां जहां सत्ताधीशों के हितों का ख्याल रख रही हैं वहीं इस एवज में सत्ताधीश इन कंपनियों को नीति और नियमों का हवाला देकर बारे-न्यारे करवा रही है। राणा ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में करीब 1265 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था। जो कि अब तक जल जीवन मिशन के तहत खर्च किया जा चुका है। चालु वित्त वर्ष के लिए हमीरपुर जोन में 164 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान हुआ है। विभाग ने इस बजट के लिए नई स्वीकृत स्कीमों को क्लब कर दिया है ताकि नियमों की दुहाई देकर छोटे ठेकेदारों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके और राज्य के बाहर से आने वाली इन कंपनियों को लाभ दिया जा सके। राणा ने कहा कि सरकार की क्या मंशा है। इसको लेकर सरकार तुरंत स्थिति स्पष्ट करे। अन्यथा बेरोजगार ठेकेदारों की फौज अराजकता की ओर जा सकती है।